भारत में अगर टेस्ट क्रिकेट की बात की जाए तो राहुल द्रविड़ का नाम हमेशा सबसे पहले आता है. द्रविड़ का वो क्लास और गेंदबाजों को अंत तक थका कर फिर अपने शॉट खेलना. ऐसे बल्लेबाज शायद ही आज तक कोई आया है. कल भारत और बांग्लादेश के बीच हुए एतिहासिक डे नाइट टेस्ट के लिए कई स्पेशल गेस्ट, पूर्व खिलाड़ी और दूसरे बड़ी हस्तियों को बुलाया गया था. इसमें द्रविड़ का भी नाम था. द्रविड़ ने बाकी पूर्व खिलाड़ियों के साथ मिलकर पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया और फैंस का शुक्रियाअदा किया. इस दौरान द्रविड़ से जब ये पूछा गया कि गुलाबी गेंद और डे नाइट टेस्ट को लेकर उनकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि वो जरूर ऐसा टेस्ट मैच खेलना पसंद करेंगे.
मैच के पहले दिन शुक्रवार को स्टेडियम में तकरीबन 60,000 दर्शक मौजूद रहे. द्रविड़ ने कहा, "यहां आकर मैं काफी खुश हूं इसने मेरी कुछ पुरानी यादें ताजा कर दी हैं. जब आपके सामने 45-50,000 दर्शक होते हैं तो आपको शानदार लगता है. यह शानदार माहौल है और इस तरह की भीड़ देखना अच्छा लगता है. आप इससे ज्यादा और क्या मांग सकते हो? मुझे उम्मीद है कि हम ऐसा लगातार करते रहें."
द्रविड़ को लगता है कि लाल गेंद से खेले जाने वाले दिन के टेस्ट मैच में सुबह का सत्र बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल होता है वैसा ही गुलाबी गेंद से शाम का सत्र हो सकता है.
पूर्व कप्तान ने कहा, "हमने देखा कि बांग्लादेशी बल्लेबाज पहले दो घंटे संघर्ष करते हुए दिखाई दिए. टीम 106 रनों पर ही आउट हो गई. इससे पहले आपके पास सुबह के सत्र नई गेंद का प्रभाव होता था जबकि अब आपके पास शाम के सत्र में है."
द्रविड़ से जब पूछा गया कि अगर उनके समय में दिन-रात टेस्ट मैच खेला जाता तो वह क्या करते तो द्रविड़ ने कहा, "मैं यह खेलना पसंद करता. मैं हमेशा 40-50,000 लोगों के सामने खेलना चाहता हूं. जब हम 2001 में ईडन में खेल रहे थे तब 100,000 के आस-पास लोग थे, इससे हमें मजा आया था."
डे- नाइट टेस्ट मैच खेलना जरूर पसंद करूंगा, कोलकाता आकर पुरानी यादें ताजा हो गई: राहुल द्रविड़
ABP News Bureau
Updated at:
23 Nov 2019 11:43 AM (IST)
द्रविड़ को लगता है कि लाल गेंद से खेले जाने वाले दिन के टेस्ट मैच में सुबह का सत्र बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल होता है वैसा ही गुलाबी गेंद से शाम का सत्र हो सकता है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -