नागपुर: भारतीय क्रिकेट टीम आज विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने टी-20 विश्व कप अभियान की शुरुआत करने उतरेगी. शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम की कोशिश विश्व कप की शुरुआत जीत के साथ करने की होगी. वहीं, न्यूजीलैंड भी विश्व कप के पहले मुकाबले में जीत दर्ज करना चाहेगा. हालांकि भारत की शानदार फॉर्म से परिचित कीवी टीम जानती है कि ऐसा करना उसके लिए आसान नहीं होगा, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि टी-20 के प्लेटफार्म पर सभी टीमें बराबरी पर खड़ी होती हैं और कीवी टीम इससे इतर नहीं है.



भारतीय टीम ने हाल ही में आस्ट्रेलिया को उसके घर में टी-20 श्रृंखला में मात दी थी. उसके बाद अपने घर में श्रीलंका को हराया था. टीम ने पहली बार टी-20 फारमेट में खेले गए एशिया कप में भी शानदार जीत हासिल की थी. भारत ने बीते 11 में से 10 टी-20 मैच जीतकर अपनी शानदार तैयारी का डंका बजाया है.



विश्व कप के दो अभ्यास मैचों में से एक में भारतीय टीम को जीत मिली थी. जिसमें उसने वेस्टइंडीज को 45 रनों से मात दी थी. दूसरे अभ्यास मैच में हालांकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार रनों से हार झेलनी पड़ी थी. लेकिन भारतीय टीम के लिए यह मैच अपनी तैयारी को परखने के लिहाज से काफी अहम साबित हुआ.



दूसरी ओर, न्यूजीलैंड ने अपने पहले अभ्यास मैच में श्रीलंका को 74 रनों से मात दी थी लेकिन दूसरे मैच में उसे इंग्लैड के हाथों छह विकेट से हार झेलनी पड़ी थी.



2007 में शुरू हुए टी-20 विश्व कप की विजेता भारतीय टीम को बेशक अपने घर में खेलने का फायदा मिलेगा. वहीं, कीवी टीम के लिए भारतीय हालात से सामंजस्य बिठाने की चुनौती होगी. टीम अपने स्टार बल्लेबाज और कप्तान ब्रेंडन मैक्लम के संन्यास के बाद पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही है. उनकी कमी टीम को जरूर महसूस होगी.



भारतीय टीम इस समय हर विभाग में मजबूत दिख रही है. रोहित शर्मा पिछले कुछ महीनों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. वह अपने दिन किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभ्यास मैच में शिखर धवन के बल्ले से भी रन बरसे थे जिससे कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी ने राहत की सांस ली होगी.



विराट कोहली हर संकट की घड़ी में टीम को बाहर निकाल के लाए हैं. उनका फॉर्म में होना दूसरी टीमों के लिए चिंता का विषय है. विश्व कप से पहले एशिया कप में और दोनों अभ्यास मैचों में युवराज सिंह ने अपने पुराने अंदाज का परिचय देकर टीम को मजबूती दी है.



धौनी भी अंतिम ओवरों में रन जुटाने में कामयाब रहे हैं. हार्दिक पंड््या के आने से टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में स्थिरता प्राप्त हुई है. वह एशिया कप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे थे. बल्ले से उन्होंने टीम को कभी भी निराश नहीं किया.



एक समय टीम की सबसे बड़ी समस्या रही गेंदबाजी में अनुभवी आशीष नेहरा और रविचन्द्रन अश्विन ने टीम को इस समस्या से छुटकारा दिलाया है. युवा जसप्रीत बुमराह ने टीम की अंतिम ओवरों की समस्या भी खत्म कर दी है. टीम गेंदबाजी में पहले से ज्यादा मजबूत है. मोहम्मद समी के आने से धौनी के पास गेंदबाजी में विकल्प बढ़ गए हैं.



न्यूजीलैंड की कमान केन विलियमसन के हाथों में है. विलियमसन के कंधों पर कप्तानी के साथ-साथ टीम की बल्लेबाजी का भार भी होगा. इसमें मार्टिन गुपटिल और रॉस टेलर उनकी जिम्मेदारी साझा करेंगे. गेंदबाजी में टिम साउदी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी.



विलियमसन के लिए चिंता का विषय भारतीय हालात के हिसाब की गेंदबाजी करने की समस्या हो सकती है. भारत में स्पिन और धीमी गति के गेंदबाजों को सफलता मिलने की ज्यादा संभवाना है. ऐसे में ऑफ स्पिनर नाथन मैक्लम से विलियमसन को बहुत ज्यादा उम्मीदें होंगी.



भारत 2007 में जीतने के बाद दोबारा खिताब नहीं जीत पाया है. उसे 2014 में पिछले विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी. यह दूसरा मौका था जब भारत सेमीफाइनल में पहुंचा था.



वहीं, न्यजीलैंड महज एक बार ही टी-20 विश्व कप के सेमीफानल में पहुंचा है. 2007 में वह इकलौती बार सेमीफाइनल में पहुंचा था जहां पाकिस्तान ने उसे शिकस्त दी थी.



टीमें (संभावित) :



भारत : महेन्द्र सिंह धौनी (कप्तान), विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे, रविन्द्र जडेजा, हार्दिक पांड्या, रविचन्द्रन अश्विन, आशीष नेहरा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद समी, पवन नेगी, हरभजन सिंह.



न्यूजीलैंड : केन विलियमसन (कप्तान), मार्टिन गुपटिल, रोस टेलर, ग्रांट इलियट, मिशेल मैक्लेघन, नाथन मैक्लम, कोरी एंडरसन, ट्रेंट बाउल्ट, एडम मिलने, कोलिन मुनरो, हेनरी निकोलस, लूक रौंची, मिशेल सैंटनर, इश सोढ़ी, टिम साउदी.