WTC Final: खिताबी मैच पर छाया बारिश का साया, पिछली बार बरसात बनी थी टीम इंडिया की हार का कारण
WTC Final 2023 Weather Forecast: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल मुकाबले के चौथे दिन बारिश खेल में खलल डाल सकती है. आइए जानते हैं कैसा होगा लंदन का मौसम.
WTC Final 2023 Weather Report: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 7 जून से लंदन के ओवल में खेल जाएगा. इस मैच में बारिश के काले बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं. यह खिताबी मुकाबला लंदन के केनिंगटन ओवल मैदान पर खेला जाएगा. इससे पहले यानी 2021 में खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भी बारिश ने खेल खराब किया था, जिसके चलते टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 8 विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
AccuWeather के मुताबिक, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में चौथे दिन बारिश आ सकती है. यहां लंदन में मैच के चौथे दिन करीब 60 प्रतिशत बारिश के आसार हैं. फाइनल मुकाबला 7 से 11 जून के बीच खेला जाएगा. वहीं, 12 जून को रिजर्व डे के रूप में रखा गया है. अगर चौथे दिन बारिश होती है तो रिजर्व डे पर खिताबी मुकाबले का फैसला आ सकता है.
रिपोर्ट की माने तो चौथे दिन के अलावा बाकी दिनों में बारिश के आसार बिल्कुल ना के बराबर हैं. पहले और दूसरे दिन सिर्फ 1 प्रतिशत बारिश आने के आसार हैं, जबकि तीसरे दिन 4 प्रतिशत बारिस होने की संभावना है. वहीं पांचवें दिन 1 प्रतिशत और रिजर्व डे पर 7 प्रतिशत बारिश आने की उम्मीद है.
पिछले सीज़न के फाइनल में भी हुई थी बारिश
इससे पिछले संस्करण के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया था. इस मैच में भी बारिश ने खेल खराब किया था. तब रिजर्व डे को मिलाकर कुल चार दिन का ही खेल हो सका था. बारिश के चलते दो दिनों तक एक भी गेंद नहीं फेंकी गई थी.
अगर बारिश के चलते ड्रा हुआ फाइनल तो कौन होगा विजेता?
अगर भारत और ऑस्ट्रेलिया की बीच खेले जाने वाला फाइनल मैच बारिश के चलते ड्रा हुआ तो दोनों ही टीमों को जॉइंट विनर घोषित कर दिया जाएगा. आईसीसी के नियमों के अनुसार, चैंपियनशिप या टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में बारिश होने पर दोनों ही टीमों को जॉइंट विनर माना जाता है.
ओवल में क्या है ड्रेनिज सिस्टम?
इग्लैंड में अक्सर बारिश होती है. वहीं ओवल के मैदान पर सेंड बेस ड्रेनिज सिस्टम मौजूद है. इस सिस्टम की मदद से पानी ग्राउंड की सतह पर कम रूकता है और फिल्टर होकर नीचे चला जाता है. इसके अलावा पिच को ढंकने के लिए होवर रोवर्स का इस्तेमाल किया जाता है.
ये भी पढ़ें...