Sunil Gavaskar On Ravichandran Ashwin: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर और अपने दौर के दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर का मानना है कि भारत में किसी दूसरे टॉप क्रिकेटर के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया गया है, जैसा ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ किया गया.
गौरतलब है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में दुनिया के नंबर वन टेस्ट गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था. गावस्कर समेत कई दिग्गज इस ओवल में भारत की हार की वजह मानते हैं. अश्विन को फाइनल से बाहर रखने के फैसले को भारत और ऑस्ट्रेलिया के कई पूर्व क्रिकेटरों ने गलत करार दिया था.
सुनील गावस्कर ने मिड-डे के लिए अपने कॉलम में लिखा, "आधुनिक युग में किसी भी अन्य शीर्ष-श्रेणी के भारतीय क्रिकेटर के साथ अश्विन जैसा व्यवहार नहीं किया गया है. भारत ने टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और इन्होंने ही ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई. पहली पारी में ट्रेविस हेड का शतक और दूसरी पारी में एलेक्स कैरी व मिचेल स्टार्क की पारियां. सब जानते हैं अश्विन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को जल्द आउट कर देते हैं."
उन्होंने आगे लिखा, "अगर अश्विन टीम में होते तो कौन जानता है कि क्या हो सकता था. वह बल्ले से भी योगदान दे सकते थे. आप बताइए अगर आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 बल्लेबाज़ अगर टीम में होता और उसे सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया जाता कि उसने पहले ग्रीन टॉप विकेट या स्पिनर्स की मददगार विकेट पर रन नहीं बनाए हैं? विश्वास के साथ कह सकता हूं, ऐसा नहीं होता."
गौरतलब है कि अश्विन ने अपने टेस्ट करियर के 92 मैचों में 23.93 की औसत और 51.84 की स्ट्राइक-रेट से 474 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान उन्होंने 32 बार एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट झटके हैं. इन आंकड़ो को नज़रअंदाज़ कर अश्विन को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में इग्नोर कर दिया गया. इससे पहले इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के दौरान भी अश्विन को अंतिम ग्यारह में शामिल नहीं किया गया था.
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