टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भविष्य की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में एक से ज्यादा मैच कराने पर जोर दिया है. इसको लेकर उन्होंने टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर के रुख का समर्थन किया. डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत बुधवार को न्यूजीलैंड से हार गया था लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी राय परिणाम पर आधारित नहीं है. उन्होंने कहा कि दो साल के चरण में खेले गए टूर्नामेंट से सर्वश्रेष्ठ टीम का फैसला करने के लिए एक बार मैच पर्याप्त नहीं हो सकता.
 
कोहली ने कहा, " मैं एक मैच से दुनिया की बेस्ट टेस्ट टीम का फैसला करने के लिए पूरी तरह से सहमत नहीं हूं." उन्होने कहा "अगर यह एक टेस्ट सीरीज़ होती तो तीन टेस्टो मैचों में करैक्टर का टेस्ट करने के साथ टीम श्रृंखला में वापस करने या दूसरी टीम को पूरी तरह से झटका देने का मौका मिलता. दो दिन के क्रिकेट के लिए आप किसी पर प्रेशर बनाते हैं और फिर अचानक पता लगता कि आप बेस्ट टेस्ट क्रिकेट टीम नहीं हैं. मुझे इसमें विश्वास नहीं है."
   
 तीन मैचों की सीरीज में परिस्थितियों का पता चलता है
विराटा ने कहा "मेरा मानना है कि फाइनल तीन मैचों का किया जाना चाहिए ताकि आप उसी के अनुसार तैयारी कर सकें. मुझे लगता है कि यह एक कठिन पीस होना चाहिए और कुछ ऐसा है जिस पर निश्चित रूप से भविष्य में वास्तव में काम करने की आवश्यकता है. तीन मैचों की सीरीज खेलने से आपको, उतार-चढ़ाव, अपने प्रयास और सीरीज के दौरान स्थितियों के बदलाव के बारे में पता लगता है. इससे उन चीजों को सुधारने का मौका जो आपने पहले मैच में गलत की हैं और फिर वास्तव में देखें कि तीन मैचों की सीरीज में कौन बेहतर टीम है. "


परिणाम से बहुत ज्यादा परेशान नहीं
भारतीय कप्तान ने आगे कहा, "हम हैं इस परिणाम से बहुत ज्यादा परेशान नहीं हैं क्योंकि हम एक टेस्ट टीम के रूप में समझते हैं कि  हमने पिछले तीन- चार सालों में क्या किया न केवल पिछले 18  महीनों में ही. इसलिए यह एक टीम के रूप में हम कौन हैं और इतने वर्षों से हमारे पास जो ऊर्जा और क्षमता है, उसका पैमाना नहीं है."


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