नई दिल्ली: क्रिकेट मैच में किसी प्रैक्टिस मैच को लेकर शायद ही कभी इस तरह की भीड़ कभी उमड़ी हो, जैसा 10 जनवरी 2017 को हुआ. साल की शुरुआत भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए किसी झटके से कम नहीं था. भारत के सबसे सफल कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने वनडे और टी 20 क्रिकेट को बीते साल अलविदा कह दिया था और विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में भारत के कप्तान बनाए जा चुके थे. नए साल का स्वागत भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के साथ करने जा रही थी लेकिन उससे पहले बारी थी प्रैक्टिस मैच की. इंडिया ए की कमान धोनी के हाथों में थी.

लगभग 10 साल तक भारत के कप्तान के तौर पर कई यादगार मैच जीतने वाले धोनी आखिरी बार टीम का नेतृत्व कर रहे थे. मुकाबला भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं था लेकिन किसी बड़े मुकाबले से कम भी नहीं था. प्रैक्टिस मैच की अहमियत इसी से लगाई जा सकती है कि मुकाबला मुंबई में खेला जा रहा था और मुंबई का एक भी खिलाड़ी इस मैच में नहीं था लेकिन लोगों की भीड़ सिर्फ इसलिए मैदान पर आई क्योंकि धोनी आखिरी बार टीम की कप्तानी कर रहे थे. माहौल काफी भावुक था पूरे स्टेडियम में सिर्फ एक नाम गूंज रही थी...धोनी...धोनी..धोनी.







 




मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में 12 बजे से दर्शकों के लिए गेट खोले जाने थे लेकिन भीड़ सुबह 10 बजे से ही मैदान के बाहर जमा हो चुकी थी. इस मैच में के लिए एंट्री फ्री थी और दर्शक धोनी के देखने के लिए बेताब थे. इंग्लैंड नें जब गेंदबाजी शुरु की तब तक दो स्टैंड पूरी तरह से भर चुके थे. भीड़ इस कदर बढ़ी कि अंत में उस हिस्से को खोल दिया गया जहां कुछ काम बाकि रह गए थे. 10 ओवर के खत्म होते-होते 15000 लोग मैच का मजा ले रहे थे. ये आलम तब था जब दिन मंगलवार का था. मुकाबला आगे बढ़ा और फिर वो लम्हा आया, जब धोनी बल्लेबाजी के लिए उतरे.

धोनी मैदान पर बल्लेबाजी के लिए जा रहे थे और पूरे मैदान में दर्शक सिर्फ एक ही नाम ले रहे थे और वो था माही का. धोनी ने भी दर्शकों को निराश नहीं किया और 40 गेंदों पर 68 रन की तूफानी पारी खेली जिसमें 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे. इंडिया ए की ओर से अंबाती रायडू(100) ने शतकीय पारी खेली तो वहीं शिखर धवन (63) और युवराज सिंह (56) ने भी अच्छे हाथ दिखाए. इन पारियों की मदद से भारत ए पांच विकेट के नुकसान पर 304 रन बनाए. लेकिन बड़े रनों के बाद भी भारत को हार मिली. इंग्लैंड ने सैम बिलिंग्स (93) के बल पर सात गेंद शेष रहते 307 रन बनाकर जीत हासिल कर ली.
भले ही अपनी कप्तानी का आखिरी मैच धोनी हार गए लेकिन उन फैन्स के लिए वो हमेशा एक जीते हुए कप्तान ही रहेंगे. धोनी ने इसके बाद पूरे साल विकेट के पीछे और विकेट के आगे शानदार प्रदर्शन कर कई बार भारत को शानदार जीत दिलाई. उन्होंने मैदान नए कप्तान विराट कोहली को हर बार मदद की जिसके चलते भारतीय टीम नंबर वन टीम भी बनी.