अपने ही घर में पहला टेस्ट मैच हारने के बाद कोलंबो में दूसरे टेस्ट मैच के लिए श्रीलंका ने खास तैयारी कर ली थी. प्लान था कि ऐसी पिच बनाई जाए जो तीसरे दिन से ही बल्लेबाजों के लिए आफत कर दे. पिच इतनी ‘रफ’ हो कि उस पर रन बनाना आसान ना रहे. मुसीबत ये कि सारा का सारा गेमप्लान धरा का धरा रह गया और अब श्रीलंका की टीम उसी जाल में फंस गई है.
ऐसा इसलिए क्योंकि कोलंबो टेस्ट मैच के दूसरे दिन आखिरी के ओवरों में आर अश्विन की गेंदबाजी देखकर श्रीलंका का ‘गेमप्लान’ बिल्कुल साफ हो गया. अब अगर किस्मत ने टॉस का फैसला भारतीय टीम के पक्ष में करा दिया तो उसका क्या किया जा सकता है. इस सीरीज में अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उसको देखकर कहा जा सकता है कि ऊपर वाला भी हिम्मत वालों की मदद करता है. यकीन मानिए कोलंबो टेस्ट में टॉस का भारतीय टीम के पक्ष में आना किस्मत की ही बात है. वरना अभी भारतीय टीम भी मुश्किल में होती. मेहमान टीम ने तैयारी तो ऐसी ही की थी.
प्लेइंग 11 में थी स्पिनरों की फौज
स्पिनरों के लिए जबरदस्त मददगार पिच तैयार कराने से पहले श्रीलंका के कप्तान ने प्लेइंग 11 में स्पिनरों की फौज भी भर ली थी. पिछले टेस्ट मैच के मुकाबले इस टेस्ट मैच के लिए उन्होंने टीम में और टीम की रणनीति में कई बदलाव किए. स्पिनर्स को प्राथमिकता दी गई. कप्तान चांदीमल ने स्पिनर पुष्पकुमारा को टेस्ट करियर की शुरूआत कराने का फैसला भी लिया. तेज गेंदबाज के तौर पर सिर्फ नुवान प्रदीप को प्लेइंग 11 में शामिल किया गया. जबकि स्पिनर रखे गए 4, जिसकी अगुवाई अनुभवी स्पिनर रंगना हेराथ कर रहे थे.
हेराथ के अलावा इस टेस्ट मैच में दिलरूवान परेरा और मलिंदा पुष्पकुमारा भी खेल रहे थे. दिलरूवान परेरा दाएं हाथ के ऑफब्रेक गेंदबाज हैं. पुष्पकुमारा बाएं हाथ से ऑर्थोडॉक्स गेंदबाजी करते हैं. जिनका ये पहला टेस्ट मैच है. कप्तान दिनेश चांदीमल ने स्पिनरों की ‘वेराइटी’ यही सोचकर रखी थी कि अगर भारतीय टीम बाद में बल्लेबाजी करेगी तो उसके लिए ये गेंदबाज निश्चित तौर पर खतरनाक साबित होंगे. यहां तक कि इन तीनों गेंदबाजों के अलावा धनंजय डी सिल्वा को भी प्लेइंग में जगह दी गई थी, जो स्पिनर हैं. रंगना हेराथ को 4 और पुष्पकुमारा को 2 विकेट भी मिले. इतने स्पिनर होने के बाद भी भारतीय बल्लेबाजों ने 622 रन इसलिए जोड़ लिए क्योंकि शुरूआती पांच सेशन के खेल में पिच फिर भी बल्लेबाजी के लिए अच्छी थी.
भारतीय बल्लेबाजों ने इस बात को समझा और संभलकर बल्लेबाजी कर टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया. अब आने वाले सेशन में बल्लेबाजों के लिए इस विकेट पर रन बनाना मुश्किल होता जाएगा. जैसे जैसे पिच पर ‘रफ’ तैयार होंगे बल्लेबाजी करना और खतरनाक होता जाएगा. जैसा दूसरे दिन के आखिरी सेशन में दिखाई भी दिया जब आर अश्विन ने करूणारत्ने और थरंगा को पवेलियन भेज कर मेहमानों को मुसीबत में डाल दिया.
अश्विन जडेजा की जोड़ी पड़ेगी भारी
चांदीमल ने जिस पिच को अपने स्पिनरों के मुफीद बनवाया था अब उसका फायदा भारतीय स्पिनरों को मिलेगा. आर अश्विन दो विकेट ले चुके हैं. अभी रवींद्र जडेजा भी अपना कमाल दिखाएंगे. विराट कोहली भी इस बात को अच्छी तरह भांप चुके हैं इसीलिए उन्होंने मैच के आखिरी सेशन में जो 20 ओवर फिंकवाए उसके लिए तेज गेंदबाजों में सिर्फ मोहम्मद समी को ही इस्तेमाल किया. विराट कोहली भी समझ गए हैं कि इस मैच में जीत की नींव बल्लेबाजों ने रख दी है और अब जीत की मंजिल का रास्ता रवींद्र जडेजा और आर अश्विन से होकर जाता है. श्रीलंका के चार स्पिनरों के मुकाबले भारतीय टीम के दो स्पिनर ही काफी है. ये बात टेस्ट मैच के तीसरे दिन साबित होने जा रही है.