WORLD RECORD: सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द सीरीज़ खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बने वाशिंगटन सुंदर
बीते दिन दिनेश कार्तिक की आतिशी पारी की मदद से भारत ने बांग्लादेश को निदहास ट्रॉफी के फाइनल में हराकर सीरीज़ अपने नाम कर ली. लेकिन इस सीरीज़ जीत में एक ऐसा हीरो भी रहा जिसने पूरे टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.
नई दिल्ली/कोलंबो: बीते दिन दिनेश कार्तिक की आतिशी पारी की मदद से भारत ने बांग्लादेश को निदहास ट्रॉफी के फाइनल में हराकर सीरीज़ अपने नाम कर ली. लेकिन इस सीरीज़ जीत में एक ऐसा हीरो भी रहा जिसने पूरे टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.
जी हां, हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के युवा स्पिनर वाशिंगटन सुंदर की. जिन्हें इस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज़ खिताब भी मिला. वाशिंगटन सुंदर और युजवेंद्र चहल ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक आठ-आठ विकेट लिये.
वाशिंगटन सुंदर ने इस ट्राई सीरीज़ में मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब जीतकर एक कारनामा भी कर दिखाया. वो क्रिकेट के किसी भी अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द सीरीज़ खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. वाशिंगटन सुंदर ने 18 साल 164 दिन की उम्र में ये कारनामा कर दिखाया है. जबकि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में इससे पहले ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के वकार यूनुस के नाम था. जिन्होंने साल 1990 में ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप में ये रिकॉर्ड अपने नाम किया था. उस समय वकार की उम्र 18 साल 169 दिन थी.
इस प्रदर्शन के बाद रोहित ने भी सुंदर की काफी तारीफ की.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस श्रृंखला में सुंदर की गेंदबाजी हमारे लिये जादुई रही. नयी गेंद से उसने जो प्रदर्शन किया वह बेजोड़ है. हर कोई पावरप्ले में गेंदबाजी करने का दबाव नहीं झेल सकता. यह नहीं भूलना चाहिए उसने इस दौरान विकेट भी लिये. उसने किसी भी प्रतिद्वंद्वी को पावरप्ले में रन नहीं बनाने दिये.’’
सुंदर को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया और उन्होंने कहा कि पावरप्ले में गेंदबाजी करना चुनौतीपूर्ण था.
इस ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘यह मेरे लिये काफी मायने रखता है विशेषकर इतनी कम उम्र में इस तरह का पुरस्कार हासिल करना. यह (पावरप्ले में गेंदबाजी करना) चुनौतीपूर्ण भूमिका है लेकिन जब आप अपने देश के लिये खेलते हो तो यह सम्मान होता है.’’