Yuvraj on Kohli: भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने कप्तान विराट कोहली की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा जहां लोग रिटायर होकर लीजेंड बनते हैं वहीं कोहली ने 30 साल की उम्र पर पहुंचते ही ये मुकाम हासिल कर लिया. साथ ही युवराज ने कहा कि, एक क्रिकेटर के तौर पर जिस तरह से कोहली ने अपने खेल को निखारा हैं वो काबिलेतारीफ है. युवराज ने कहा कि वो टीम इंडिया में उनके शुरुआती दिनों से ही विराट के खेल को बेहतर होता देखते आ रहे हैं. अपने करियर की शुरुआत से ही कोहली टीम के सबसे मेहनती खिलाड़ी रहे हैं.   


उन्होंने कहा, "लोग जब रिटायर होते हैं तब लीजेंड बनते हैं. लेकिन विराट ने 30 साल की उम्र तक पहुंचते ही उन्होंने काफी कुछ हासिल कर लिया था. और वो इस उम्र के इस पड़ाव में ही लीजेंड बन गए. एक क्रिकेटर के तौर पर उन्हें आगे बढ़ते हुए देखना बेहद अच्छा लगता है. उनके पास अभी काफी समय है, मैं उम्मीद करता हूं कि वो अपने करियर के अंत तक ऐसे ही शानदार प्रदर्शन करते रहेंगे और कई रिकॉर्ड अपने नाम करेंगे."


शुरुआत से ही अपनी प्रतिभा से किया है प्रभावित 


युवराज सिंह ने कहा, "विराट जब टीम इंडिया में पहली बार सेलेक्ट हुए तब उन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी को बेहद प्रभावित किया. जब जब विराट को मौके मिले हैं उन्होंने उन्हें अच्छे से भुनाया है. अपने शानदार प्रदर्शन के चलते ही उन्होंने विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई जबकि उस समय उनकी उम्र काफी कम थी. उस समय टीम में जगह के लिए उनके और रोहित के बीच मुकाबला था. विराट उस समय ज्यादा से ज्यादा रन बना रहे थे इसलिए अंत में विश्व कप के लिए टीम इंडिया में उन्होंने अपनी जगह बनाई. उस समय के मुकाबले आज उन में काफी बदलाव आ गया है." 


युवराज ने कहा, "मैंने उन्हें अपने सामने आगे बढ़ता हुआ देखा है. वो टीम के सबसे मेहनती खिलाड़ी थे, और बेहद अनुशासन के साथ ट्रेनिंग करते थे. जब वो रन बना रहे होते थे तब आप ये महसूस कर सकते थे कि वो दुनिया का बेस्ट प्लेयर बनना चाहते हैं. खेल के दौरान सर्वश्रेष्ठ मुकाम हासिल करना ये उनका नजरिया होता है. ये ही उनके खेल का 'स्वैग' भी है."


कप्तान बनने के बाद खेल में आया और निखार 


साथ ही युवराज के अनुसार कोहली की बैटिंग पर कप्तानी का प्रेशर कभी भी हावी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "जब वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार रनों का अंबार लगा रहे थे तभी उन्हें टीम इंडिया का कप्तान चुना गया था. कई बार कप्तानी का दबाव आपके खेल पर दिखने लगता है. लेकिन विराट के केस में ऐसा नहीं हुआ. कप्तान रहते हुए रन बनाने की उनकी निरंतरता और बेहतर हुई है. 30 साल की उम्र तक पहुंचते ही उन्होंने काफी कुछ हासिल कर लिया था."


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