कोरोना वायरस की वजह से पिछले दो महीनों से क्रिकेट टूर्नामेंट्स का आयोजन नहीं हो रहा है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान क्रिकेट के मैदान से जुड़े रहे भारत के स्टार क्रिकेटर अपनी जिंदगी के बारे में कई राज खोल रहे हैं. टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह को लगा था कि उनका क्रिकेट करियर 2014 में हुए ट्वेंटी-ट्वेंटी विश्व कप के दौरान ही खत्म हो गया था. युवराज सिंह की 21 गेंदों में 11 रन की पारी की वजह से इंडियन टीम फाइनल मुकाबले में 20 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 130 रन ही बना पाई थी. श्रीलंका ने इस मैच में 6 विकेट से जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया था.


युवराज सिंह ने बताया कि इस मैच में हार के बाद वह एक विलेन की तरह हो गए थे. उन्होंने कहा, ''मैंने उस पारी की पूरी जिम्मेदारी ली. मैं बेहतर नहीं खेल पाया था. लेकिन वो वर्ल्ड कप का फाइनल मैच था. हर वह कोई सामान्य मैच होता तो शायद मैं इस तरह से निशाने पर नहीं आता. घर जाने पर मुझे विलेन के जैसा महसूस हुआ. एयरपोर्ट पर मीडिया के लोग मुझ पर चिल्ला रहे थे.''


उस मैच के बाद युवराज के घर पत्थर फेंके गए. युवी ने कहा, ''हां, मेरे घर पर पत्थर फेंके गए थे. मुझे लगा था जैसे मैंने किसी का कत्ल कर दिया और मैं जेल जा रहा हूं. लेकिन मैंने वापसी की. हालांकि आज भी मैं उन लम्हों को भूल नहीं पाता हूं.''


युवराज सिंह ने बताया कि सचिन तेंदुलकर ने उनके बचाव में ट्वीट किए थे और फिर लोगों ने बात को समझा. युवराज ने कहा कि घर जाने पर उन्हें लगा कि अब उनका करियर पूरी तरह से खत्म हो गया है. बता दें युवराज सिंह ने टीम इंडिया के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच खेले.


सौरभ गांगुली ने टीम इंडिया को बेहद मजबूत बनाया: नासिर हुसैन