नई दिल्ली: कैंसर को मात देकर क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने वाले टीम इंडिया के सिक्सर किंग युवराज सिंह आज 'यो-यो' के आगे बेबस हैं. एनसीए के यो-यो टेस्ट में फेल होने के बाद युवराज को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है.


तीन साल बाद वनडे टीम में वापसी करने वाले 35 साल के युवराज चाहेंगे कि 2019 में होने वाले वर्ल्डकप के साथ वे अपने करियर का अंत करें. लेकिन सवाल ये है कि युवराज जैसे बड़े  खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया को 2 वर्ल्डकप जीताने में अहम भूमिका निभाई है ऐसे खिलाड़ी को सिर्फ यो-यो के आधार पर टीम से बाहर कर देना कहां तक जायज है.


साल 2019 में होने वाले वर्ल्डकप टीम का स्वरुप अगले कुछ महीनों में साफ हो जाएगा. टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री वर्ल्डकप से पहले एक ऐसी टीम तैयार करने की पहल में जो मैदान पर 100 फिसदी फिट हो. यही वजह है कि श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए जब टीम का चयन हुआ तो उसमें उस टीम में युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे अनुभवी खिलाड़ी को जगह नहीं दी गई.


क्रिकेट में फिटनेस के साथ स्किल्स का होना जरुरी होता है और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी के स्किल के बारे में पूरी दुनिया जानती है. युवी भारतीय टीम के एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं.


सेलेक्टर्स ने फिटनेस का हवाला देते हुए जिस युवराज सिंह को आज टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया है वे वही युवी हैं जिनके फील्डिंग के आगे एक दशक पहले टीम का कोई खिलाड़ी नहीं टिकता था लेकिन कैंसर जैसे बीमारी को मात देकर क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने वाले युवराज आज टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.


आपको बता दें कि ये वही युवराज सिंह हैं जिनके नाम टी-20 क्रिकेट में 6 गेंद पर छह छक्के लगाने का अटूट रिकॉर्ड है. युवराज 2016 में हुए टी-20 वर्ल्डकप टीम का हिस्सा तो थे लेकिन वनडे टीम में युवी इंग्लैंड के खिलाफ तीन साल बाद वापसी की. युवी की वापसी धमाकेदार रही और इंग्लैंड के खिलाफ कटक वनडे में 150 रन बना दिए जो उनके करियर अधितम स्कोर भी है. टीम में वापसी के बाद से युवराज ने अपनी बल्लेबाजी से दो मैन ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम किया है.


15 साल के क्रिकेटिंग करियर में युवराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेल चुके हैं. युवी ने टेस्ट में 57.97 की स्ट्राइक रेट से 1900  रन बनाए हैं जबकि वनडे में युवी ने 87.67 की स्ट्राइक से 8701 रन बनाए वहीं टी- फॉर्मेट में उनके नाम 1177 रन है.