MS Dhoni IPL Fixing: धोनी के मानहानि मामले में मद्रास हाई कोर्ट पहुंचा जी मीडिया, जानिए क्या है पूरा मामला?
Mahendra Singh Dhoni: एमएस धोनी मानहानि मामले में जी मीडिया ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया है. साल 2014 में धोनी ने जी मीडिया समेत कुछ लोगों पर मानिहानि का मुकदमा दायर किया था.
MS Dhoni Defamation Case: दुनिया की सबसे मशहूर क्रिकेट लीग आईपीएल भी फिक्सिंग से अछूती नहीं रही. इस लीग में साल 2013 में हुई फिक्सिंग और सट्टेबाजी की घटनाओं ने सबको चौंका दिया था. फिक्सिंग के आरोप के चलते राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स पर 2 साल तक के लिए बैन भी लगा दिया गया था. इस मामले ने सीएसके के कप्तान एमएस धोनी का नाम भी उछला था. हालांकि, इसके बाद साल 2014 में धोनी ने जी मीडिया कॉरपोरेशन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. वहीं इस मामले में पूछताछ रद्द करने के संबंध में 9 मार्च 2023 को जी मीडिया ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया. जी द्वारा दायर की गई याचिका में एकल न्यायाधीश के 11 नवंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एसएस धोनी द्वारा उठाई गई पूछताछ को रद्द करने की उसकी अर्जी को अस्वीकार कर दिया गया.
13 मार्च को होगी सुनावई
अब एमएस धोनी के मानहानि केस पर 13 मार्च को सुनवाई होगी. जस्टिस आर महादेवन और मोहम्मद शफीक की पीठ ने बुधवार को एकल न्यायाधीश के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया. वहीं पीठ ने 13 मार्च को जी की अपील पर सुनवाई करने की सहमति व्यक्त की. चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने जी मीडिया, आईपीएस ऑफिसर संपत कुमार और अन्य के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों और समाचार रिपोर्ट्स के खिलाफ हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. इन रिपोर्ट्स में दावा किया या था कि एमएस धोनी साल 2013 में आईपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे.
क्या था मामला?
साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामला आने के बाद एमएस धोनी ने कोर्ट से संपत कुमार और कई लोगों को अपने खिलाफ सट्टेबाजी से संबंधित मुद्दे पर कुछ भी प्रकाशित करने से रोकने की अपील की थी. इस मामले को संपत कुमार हैंडल कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने धोनी पर भी टिप्पणी की थी. जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था, 'संपत कुमार मेरी छवि खराब करने के लिए मेरा नाम ले रहे हैं.' धोनी ने यह भी कहा, 'वह मेरे खिलाफ झूठी खबरें और बयानबाजी कर रहे हैं'. सीएसके के कप्तान ने हर्जाने पर कोर्ट से 100 करोड़ रुपये की मांग की थी.
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