भारत जैसे देश में जहां इंटरनेशनल क्रिकेटरों पर पैसों की बारिश होती है वहीं एक देश ऐसा भी है जहां के क्रिकेटर्स इस खेल को बचाने के लिए मुफ्त में खेलने को तैयार हो गए हैं. यह देश है जिम्बाब्वे, विश्व कप खत्म होने के बाद आईसीसी ने अपने सालाना बैठक में जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों को एक झटके में बेरोजगार कर दिया. आईसीसी ने क्रिकेट बोर्ड में सरकारी हस्तझेप के कारण जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया. ऐसे में इन खिलाड़ियों ने अगामी टी20 क्वालीफायर्स में भाग लेने के लिए प्रतिबद्धता दिखायी है.

महिला टी20 क्वालीफायर्स के मैच अगस्त होंगे जबकि पुरूषों के क्वालीफायर्स मुकाबले अक्टूबर में खेले जाऐंगे.

टीम के एक वरिष्ठ खिलाड़ी ने गोपनीयता की शर्त पर ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘‘ हम मुफ्त में खेलेंगे. हमें जब तक उम्मीद की किरण दिखेगी तब तक हम खेलना जारी रखेंगे. हमारा अगला मुकाबला क्वालीफायर्स में होगा. हम मुफ्त में खेलेंगे.’’

पुरूष और महिला सीनियर टीम को पिछले दो महीने का भुगतान भी नहीं किया गया है और पुरुष टीम को हाल के नीदरलैंड और आयरलैंड के दौरे की मैच फीस भी नहीं दी गयी है.

आईसीसी ने इस महीने जिम्बाब्वे क्रिकेट को वैश्विक संस्था के संविधान का उल्लंघन करने के लिये तुरंत प्रभाव से बैन कर दिया. आईसीसी संविधान किसी तरह के सरकारी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है.

इस निलंबन के बाद भी जिम्बाब्वे की टीम बायलेटरल सीरीज में भाग ले सकती है लेकिन आईसीसी की वित्तीय मदद के बिना उनके लिए मेजबानी करना मुश्किल होगा. भविष्य का दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) के मुताबिक जिम्बाब्वे की टीम को अगस्त में अफगानिस्तान और अक्टूबर-नवंबर में वेस्टइंडीज की मेजबानी करनी है.