चार साल और 10 मैच के बाद जिम्बॉब्वे ने तोड़ा हार का क्रम
निचले क्रम के बल्लेबाजों के धैर्यपुर्ण बल्लेबाजी की मदद से जिम्बाब्वे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट को बेनतीजा खत्म किया.
निचले क्रम के बल्लेबाजों के धैर्यपुर्ण बल्लेबाजी की मदद से जिम्बाब्वे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट को बेनतीजा खत्म किया. रेगिस चकाबवा और कप्तान ग्रीम क्रेमर ने बेहतरीन पारी खेल दस मैचों से मिल रही हार के क्रम को तोड़ा. हालांकि पहले टेस्ट में जीत के साथ वेस्टइंडीज ने 1-0 से सीरीज अपने नाम किया. कप्तान जेसन होल्डर के नेतृत्व में टीम ने पहली बार टेस्ट सीरीज अपने नाम किया।
मैच ड्रॉ कराने में सिकंदर रजा (89) , चकाबवा (नाबाद 71) ग्रीम क्रेमर (नाबाद 28) ने अहम भूमिका निभायी. जिम्बाब्वे ने जब अपनी दूसरी पारी में सात विकेट पर 307 रन बनाये थे तब अंपायरों ने मैच ड्रॉ कराने का फैसला किया. रजा ने पहली पारी में भी 80 रन बनाए थे साथ ही पांच विकेट झटके थे. रजा टेस्ट इतिहास में जैक कैलिस के बाद ऐसा करने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. वहीं दो टेस्ट में 13 विकेट लेने वाले लेग स्पिनर देवेन्द्र बिशू को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया.
यह 2013 के बाद पहला अवसर है जबकि जिम्बाब्वे किसी टेस्ट में हार से बचने में सफल रहा. इस बीच उसे लगातार दस टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा था.
जिम्बाब्वे ने सुबह अपनी दूसरी पारी चार विकेट पर 140 रन से आगे बढ़ायी. तब वह वेस्टइंडीज से केवल 18 रन आगे था लेकिन रजा, चकाबवा और क्रेमर ने पिच पर पांव जमाने की अपनी कला का शानदार नमूना पेश करके कैरेबियाई टीम को कोई मौका नहीं दिया.
रजा ने अपनी पारी में 203 गेंदें खेली जबकि पीटर मूर ने 164 गेंदों पर 42 रन बनाये लेकिन वह चकाबवा और क्रेमर थे जिन्होंने वेस्टइंडीज की जीत की उम्मीदों पर पानी फेरा. इन दोनों ने 48.4 ओवर तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच 91 रन जोड़े. चकाबवा ने 192 जबकि क्रेमर ने 150 गेंदें खेली.
जिम्बाब्वे ने पहली पारी में 326 रन बनाये थे जिसके जवाब में वेस्टइंडीज ने 448 रन बनाकर 122 रन की बढ़त हासिल की थी.