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CWG 2018: गोल्ड पर निशाना लगाने के बाद अब अनीश को सता रही है मैथ्स के पेपर की चिंता
25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के फाइनल में गोल्ड मेडल जीतकर अनीश भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.
नई दिल्ली: गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21 वें राष्ट्रमंडल खेलों के नौवें दिन भारतीय एथलीट अनीश भानवाला ने 15 साल की उम्र में पिस्टल में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया. 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर अनीश भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.
पदक जीतने के बाद सता रही है गणित पेपर की चिंता
अनीश जब शूटिंग रेंज के अंदर होते हैं तो उनका आत्मविश्वास किसी मंझे हुए खिलाड़ी जैसा रहता है लेकिन जैसे ही अनीश भानवाला शूटिंग रेंज से बाहर निकलते हैं तो वो किसी 15 साल के किशोर की तरह गणित के पेपर को लेकर चिंता करने लगते हैं. आपको बता दें कि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के सबसे कम उम्र के स्वर्ण पदक विजेता की फिल्हाल यही स्थिति है.
हरियाणा के इस युवा ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने इस दौरान खेलों का नया रिकार्ड भी बनाया. अब उनके पास रिकार्ड स्वर्ण पदक है लेकिन अब वह एक और परीक्षा को लेकर चिंतित हैं.
अनीश ने कहा, ‘‘मुझे भारत पहुंचने के तुरंत बाद दसवीं की परीक्षा देनी है. उसमें हिन्दी, सामाजिक विज्ञान और गणित के पेपर होने हैं. मैं गणित को लेकर थोड़ा चिंतित हूं. मैंने उसकी खास तैयारी नहीं की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब लगातार तीन दिन तक उस पर ध्यान देना होगा. ’’
आपको बता दें कि सीबीएसई ने अनीश के लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था की है.
ISSF जूनियर विश्व कप का हिस्सा थे
अनीश मैक्सिको आईएसएसएफ विश्व कप और सिडनी में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप का हिस्सा थे और इसके बाद उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि उन्होंने (सीबीएसई) ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया उस पर मैं खरा उतरा. यह अच्छा लग रहा है. उन्होंने मेरे लिये बहुत बड़ा फैसला किया. ’’ अनीश ने कहा, ‘‘मुझे पदक की पूरी उम्मीद थी क्योंकि अन्य टूर्नामेंटों में भी मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था. नाम बदलते रहे लेकिन मैंने वही परिणाम हासिल किये.’’
हरियाणा के सोनीपत से हैं अनीश
सोनीपत के गोहाना कसांडी गांव में जन्में अनीश का पहला प्यार निशानेबाजी नहीं है. उन्होंने 2013 में अंडर-12 माडर्न पैंटाथलन विश्व चैंपियनशिप और 2015 में एशियाई पैंटाथलन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था. पैंटाथलन में निशानेबाजी, तैराकी, तलवारबाजी, घुड़सवारी और क्रास कंट्री दौड़ शामिल होती है. आखिर में इनमें से अनीश से निशानेबाजी को अपनाया.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रेंज में मजा आता है. अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव में मैं बेहतर परिणाम हासिल करता हूं. यहां क्वालीफिकेशन में मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और मैं उसकी भरपायी फाइनल में करने के लिये प्रतिबद्ध था. मैं वास्तव में दबाव का पूरा आनंद उठाता हूं। ’’
भारत की झोली में अब तक कुल 42 मेडल्स
राष्ट्रमंडल खेलों के नौवें दिन भारत की झोली में अभी तक 11 पदक आ चुके हैं. तो वहीं अगर कुल मेडल्स की बात की जाए तो भारत 42 मेडल्स के साथ आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद मेडल टैली में तीसरे नंबर पर बना हुआ है.
पहलवान बजरंग पुनिया ने भारत को 17 वां गोल्ड मेडल दिलाया तो वहीं 15 साल के अनीश ने रैपिड पिस्टल में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया. अनीष से पहले तेजस्विनी सावंत ने 50 मीटर रायफल थ्री पिस्टल में भारत को 16वां गोल्ड दिलाया था.
अगर सिल्वर की बात की जाए तो अंजुम मोदगील ने शूटिंग में सिल्वर अपने नाम किया. जबकि टेबल टेनिस में मनिका बत्रा और मौमा दास की जोड़ी विजय रही. तो वहीं महिला पहलवान पूजा ढांडा फाइनल में हार गई और उन्हें सिल्वर मेडल मिला.
वहीं बॉक्सिंग में मोहम्मद, मनोज और नमन ने जहां ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया जबकि कुश्ती में दिव्या काकरण को ब्रॉन्ज मेडल मिला.
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