नई दिल्ली: बिहार की बेटी ने सात समंदर पार ऑस्ट्रेलिया में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने देश का नाम रोशन किया है. बिहार के बांका से पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह की बेटी भारतीय शूटर श्रेयसी सिंह ने आज राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा. इसके साथ ही देश को 12वां स्वर्ण पदक दिलाया.
भारतीय शूटर श्रेयसी सिंह ने महिलाओं के डबल ट्रैप शूटिंग इवेंट में ऑस्ट्रेलियाई शूटर एम्मा कॉक्स को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. आपको बता दें कि निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने अपना मुकाबला जीतने के बाद इसे अपने करियर के लिए ' मिल का पत्थर ' करार दिया. तो वहीं 2014 में श्रेयसी ने स्कॉटलेंड के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर मेडल जीता था.
स्वर्ण पदक इस बार क्यों है खास
श्रेयसी के लिए इस बार स्वर्ण पदक इसलिए खास है क्योंकि अगले निशानेबाजी की स्पर्धा राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं होगी. श्रेयसी ने अपने इस मुकाबले में पहले राउंड में जहां 24 प्वाइंट्स बनाए तो वहीं दूसरे में 25 प्वाइंट्स और तीसरे- चौथे राउंड में 22 और 25 प्वाइंट्स बनाकर शूटर एम्मा कॉक्स को अपने सामने टिकने नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से नर्वस थी लेकिन साथ ही आत्मविश्वास से भी भरी थी. सच कहूं तो मैं चुनौती के लिये तैयारी थी, मैं किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं थी. अगर आप पूछोगे कि अभी मैं कैसा महसूस कर रही हूं तो यह सिर्फ खुशी ही है. ’’
2010 राष्ट्रमंडल खेलों को दौरान हो गया था पिता का निधन
श्रेयसी शुरू से ही शूटिंग में भारत को नाम रोशन करती आ रही हैं. लेकिन 2010 में जब वो राष्ट्रमंडल खेलों में खेलनी गई तो उससे ठीक पहले उनके पिता का निधन हो गया था जिससे वो पूरी तरह टूट गई थीं.
स्वर्ण पदक अपने नाम करने के बाद और देश की झोली में 12 वां स्वर्ण पदक डालेने के बाद श्रेयसी ने कहा, ‘‘यह पदक मेरे लिये मील के पत्थर होगा. ’’
एनआरएआई के पूर्व अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का 2010 में निधन हो गया था जिसके बाद 2010 का राष्ट्रमंडल खेल श्रेयसी लिए कुछ खास नहीं रहा था और इस खबर का उनके खेल पर भी असर पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे करियर का सबसे बड़ा पदक है. यह काफी विशेष भी है क्योंकि निशानेबाजी 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं होगी. ’’
2022 में निशानेबाजी क्यों नहीं होगी राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा
लाजिस्टिकल मुद्दों के कारण 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल की स्पर्धाओं से निशानेबाजी को हटा दिया गया है क्योंकि आयोजकों ने इसके लिये स्थल तैयार करने में अक्षमता जाहिर की है.