CWG 2022: बॉक्सिंग में भारत के लिए बढ़ी मेडल की उम्मीद, अमित पंघाल ने क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
CWG 2022: अमित पंघाल भारत के लिए बॉक्सिंग में मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद है. पंघाल ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाकर मेडल की तरफ कदम बढ़ाए हैं.
Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में सोमवार को दिन भारतीय मुक्केबाजों के लिए बेहद अच्छा रहा. भारत के लिए गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल (Amit Panghal) ने जीत के साथ अपने सफर का आगाज किया. 51 किलोग्राम कैटेगरी में अमित पंघाल ने क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की. विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता पंघाल ने वानुअतु के नामरी बेरी को सर्वसम्मत फैसले से हराया.
फेदरवेट (54-57 किग्रा) मुक्केबाज हुसमउद्दीन मोहम्मद ने भी लगातार दूसरी जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. उन्होंने अंतिम 16 मुकाबले में बांग्लादेश के मोहम्मद सलीम हुसैन पर 5-0 की प्रभावशाली जीत दर्ज की. लाइट हैवीवेट मुक्केबाज (80 किग्रा) आशीष कुमार ने नीयू के ट्रैविस टापाटुएटोआ पर 5-0 की सर्वसम्मत जीत के साथ अंतिम आठ जगह पक्की की.
पंघाल ने बनाए रखा दबदबा
टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपना पहला टूर्नामेंट खेल रहे पंघाल ने मुकाबले के तीनों दौर में अपना दबदबा बनाए रखा. उन्होंने बेरी से दूरी बनाए रखते हुए दाएं और बाएं मुक्कों के अपने संयोजन का प्रभावी इस्तेमाल किया. मुकाबले में वापसी के लिए बेरी को पंघाल के सामने आने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन भारतीय मुक्केबाज के कौशल के सामने वह कहीं नहीं ठहरे.
शुरुआती दो दौर में पंघाल के मुक्कों की झड़ी का बेरी के पास कोई जवाब नहीं था. मुकाबले में पकड़ बनाने के बाद तीसरे दौर में पंघाल ने रक्षात्मक रवैया अपनाया, जिससे वह आगे की कठिन चुनौतियों के लिए अपनी ऊर्जा को बचा सके.
मेडल की उम्मीद बढ़ी
पंघाल अपने दूसरे राष्ट्रमंडल खेल पदक हासिल करने से एक जीत दूर हैं. उन्होंने पिछले सत्र (2018 में गोल्ड कोस्ट) में रजत पदक जीता था. क्वार्टर फाइनल में उनके सामने स्कॉटलैंड के 20 वर्षीय लेनन मुलिगन की चुनौती होगी. पंघाल ने अपनी जीत के बाद कहा, ''यह एक अच्छे अभ्यास की तरह था लेकिन आसान था. मेरा प्रतिद्वंद्वी अच्छा था लेकिन उसके खिलाफ मुझे कोई परेशानी नहीं हुई.''
उन्होंने कहा, ''मैं और प्रभावशाली जीत दर्ज कर सकता था लेकिन अभी लंबा सफर तय करना है और मैं यहां स्वर्ण पदक जीतने आया हूं. मैंने गोल्ड कोस्ट में रजत जीता था लेकिन यहां उससे बेहतर करने के लिए आया हूं. मैं सिर्फ स्वर्ण पदक जीतना चाहता हूं.''
पिछले सत्र के कांस्य पदक विजेता, हुसमुद्दीन ने भी अपने तेज-तर्रार पंच के इस्तेमाल से प्रभावशाली प्रदर्शन किया. भारत के इस 28 साल के मुक्केबाज ने शानदार जवाबी हमले किये. पदक पक्का करने के लिए अंतिम आठ में उन्हें नामीबिया के ट्रायगैन मॉर्निंग नेडेवेलो को हराना होगा.
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