नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की टीमें जहां शानदार प्रदर्शन कर रही है तो वहीं टेनिस के कोर्ट से भी फैंस के लिए खुशखबरी आई है. भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने डेविस कप में इतिहास रच दिया है. लिएंडर पेस ने आज रिकॉर्ड 43वीं जीत के साथ डेविस कप में सबसे सफल युगल खिलाड़ी बन गए तो वहीं दूसरी तरफ युवा राजकुमार रामनाथन और प्रजनेश गुणेश्वरन ने उलट एकल में जीत दर्ज की जिससे भारत ने चीन को 3-2 से हराकर विश्व ग्रुप प्लेऑफ में जगह बना ली.
पेस और रोहन बोपन्ना का कमाल
44 वर्षीय पेस और रोहन बोपन्ना ने तीन सेट तक चले एक बेहद कड़े मैच में चीन के मो झिन गोंग और झी झांग की चीनी जोड़ी को 5-7, 7-6(5), 7-6(3) से हराकर एशिया ओसियाना ग्रुप एक मुकाबले में भारत की उम्मीदें जीवंत रखी.
पहले एकल में लचर प्रदर्शन के कारण कप्तान महेश भूपति की नाराजगी झेलने वाले रामकुमार रामनाथन ने इसके बाद अपना असली जलवा दिखाया और दी वू को 7-6(4), 6-3 से हराकर मुकाबले को 2-2 से बराबर कर दिया.
युवाओं ने नहीं किया कप्तान को निराश
कप्तान भूपति ने इसके बाद पांचवें और निर्णायक मैच में सुमित नागल की जगह बायें हाथ के प्रजनेश गुणेश्वरन को उतारकर मास्टरस्ट्रोक खेला. उनका यह दांव सही साबित हुआ तथा चेन्नई के खिलाड़ी ने चीनी किशोर यिबिंग वू को 6-4, 6-2 से हराकर अपने कप्तान को निराश नहीं किया.
पेस के नाम दर्ज है एक अनोखा रिकॉर्ड
लिएंडर पेस के नाम एक अद्भुत रिकॉर्ड भी अपने नाम कर रखा है. फरवरी 2003 से अप्रैल 2012 के बीच डेविस कप में पेस ने एक भी युगल रबर नहीं खोया. हालांकि ये सभी मैच वर्ल्ड ग्रुप के अंदर शामिल नहीं थे, जो टूर्नामेंट में सबसे सर्वोच्च स्तरीय माना जाता है.
वहीं मैक्स- मिरनई उन कुछ सक्रिय खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनकी वजह से पेस के रिकॉर्ड पर खतरा मंडरा सकता है. लेकिन 40 साल की उम्र तक पहुंच चुके इस रूसी जोड़ी के लिए ये थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है.
अगर मैक्स- मिरनई की जोड़ी अपने युगल मैच को जीतना शुरू कर देती है तो दूसरी तरफ पेस ये नहीं चाहेंगे की वो अपनी जीतने की रफ्तार को धीमी करें और शायद अपने रिकॉर्ड को और ऊपर ले जाएं
भारत 5वीं बार विश्व ग्रुप प्लेऑफ में खेलेगा
भारत अब लगातार पांचवीं बार विश्व ग्रुप प्लेऑफ में खेलेगा. इससे पहले चार अवसरों पर उसे सर्बिया (2014), चेक गणराज्य (2015), स्पेन (2016) और कनाडा (2017) से हार का सामना करना पड़ा था. पिछली बार भारत 16 देशों के विश्व ग्रुप में 2011 में खेला था. तब वह सर्बिया से हार गया था.
रामकुमार और नागल दोनों के शुक्रवार को एकल मैचों में हारने के कारण भारत 0-2 से पीछे चल रहा था और उसे अपनी उम्मीदें जीवंत रखने के लिये युगल में हर हाल में जीत दर्ज करनी थी.
विश्व ग्रुप प्लेआफ में जगह बनाने के लिये भारतीय युवा एकल खिलाड़ियों को अब उलट एकल के दोनों मैच जीतने होंगे.