यादों के झरोखे से: महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने बंगाल में कहा था- मुझे फुटबॉल का भगवान ना बुलाएं
सुजीत बोस ने कहा कि माराडोना पिछली बार 2017 के नवंबर में आए थे. इस दौरान वे उनके स्पर्टिंग क्लब में आए थे. उसी दौराना माराडोना के स्टैच्यू का उनकी हाथ से ही उद्घाटन करवाया गया था. इसके बाद माराडोना के हाथों कई समाजसेवी काम उस दौरान कराए गए थे.
अर्जेंटीना के महान फुटबॉल खिलाड़ी का डिएगा माराडोना अब इस दुनिया में नहीं रहे. 60 वर्षीय माराडोना जब पश्चिम बंगाल आए थे तो उन्होंने वहां पर अपने प्रशंसकों से कहा था कि वे उन्हें फुटबॉल का भगवान न बुलाएं. 2017 में जब वह कोलकाता आए थे तो उनके कार्यक्रम का होस्ट करने वाले बंगाल के फायर ब्रिगेड मिनिस्टर सुजीत बोस ने उनके बारे में अपना दिलचस्प अनुभव एबीपी न्यूज के साथ साझा किया.
सुजीत बोस ने कहा कि माराडोना पिछली बार 2017 के नवंबर में आए थे. इस दौरान वे उनके स्पर्टिंग क्लब में आए थे. उसी दौराना माराडोना के स्टैच्यू का उनकी हाथ से ही उद्घाटन करवाया गया था. इसके बाद माराडोना के हाथों कई समाजसेवी काम उस दौरान कराए गए थे.
बोस ने बताया कि प्रशंसकों के बीच माराडोना वर्सेज सौरव गांगुली का एक मैच भी हुआ था. उन्होंने कहा कि माराडोना से मिलना उनका सपना हुआ करता था. फुटबॉल खेल में रुचि रुखने वालों में आज माराडोना के निधन से शोक की लहर है.
सुजीत बोस ने कहा कि भारतीय लोग माराडोना को इसलिए इतना प्यार करते थे क्योंकि बड़े फुटबॉलर खिलाड़ी थे. उन्होंने कहा कि जिस वक्त माराडोना कलकत्ता में थे तो कई जगह गए थे और वे भी उनके साथ थे.
कोलकाता में अर्जेटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने 11 दिसंबर 2017 को कहा था कि वह एक साधारण फुटबॉल खिलाड़ी हैं और इस कारण उन्हें ‘फुटबॉल का भगवान’ कहना ठीक नहीं इस कार्यक्रम में 1986 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लिए माराडोना की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था.