(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आखिर क्यों धोनी को BCCI के TRDW में शामिल करने के लिए वेंगसरकर ने तोड़ा था नियम, ये था कारण
टीआरडीडब्ल्यू में धोनी जब शामिल हुए तब उनकी उम्र 21 वर्ष की थी, जबकि इसके लिए खिलाड़ियों की उम्र सीमा 19 वर्ष होनी चाहिए. बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को इसमें शामिल किया गया था. क्योंकि प्रकाश ने ही धोनी को पहली बार छक्के मारते देखा था.
नई दिल्ली: कोरोना के चलते दुनिया में एक भी स्पोर्ट टूर्नामेंट नहीं खेला जा रहा है. ऐसे में सभी खिलाड़ी या तो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं या घर पर ही कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच आईपीएल का ट्रेनिंग सेशन रद्द होने के बाद धोनी भी रांची में हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं. लेकिन यहां धोनी को लेकर रोजाना कोई न कोई नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इस बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और सेलेक्टर्स कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं दिलीप वेंगसरकर ने भी धोनी को लेकर एक बड़ी बात कही है.
वेंगसरकर ने महेंद्र सिंह धोनी के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के टैलेंट रिसोर्स डेवलपमेंट विंग (टीआरडीडब्ल्यू) का नियम तोड़ा था. बता दें कि टीआरडीडब्ल्यू में धोनी जब शामिल हुए तब उनकी उम्र 21 वर्ष की थी, जबकि इसके लिए खिलाड़ियों की उम्र सीमा 19 वर्ष थी. धोनी के लिए वेंगसरकर ने उम्र सीमा का नियम तोड़ा था.
वेंगसरकर ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि महेन्द्र सिंह धोनी को 21 साल की उम्र में टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था, जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी. वेंगसरकर ने बताया कि बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को इसमें शामिल किया गया था. पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गए थे. उस समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम वनडे मैच खेल रही थी और गेंद बार-बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी. इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई की इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है. जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे मे पता चला.
वेंगसरकर ने आगे कहा कि, मैंने पोद्दार के कहने पर ही धोनी को टीआरडीडब्लयू में शामिल कर लिया. बता दें कि टीआरडीडब्लू का मतलब टैलेंट रिसर्च डेवलपमेंट विंग है. इसे लोकल खिलाड़ियों की प्रतिभा पहचानने के लिए बीसीसीआई ने खोला था लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. अब कुछ ऐसा ही नेशनल क्रिकेट अकादमी है. TRDW की शुरूआत जगमोहन डालमिया ने की थी.