एशियन गेम्स में गोल्ड नाम करने वाले डिंको सिंह का निधन, कैंसर से जूझ रहे थे
भारत के दिग्गज मुक्केबाज डिंको सिंह का निधन को गया है. डिंको सिंह पिछले चार साल से लिवर कैंसर से जूझ रहे थे. पिछले साल डिंको सिंह की थेरेपी नहीं हो पाई और उसके बाद से उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई.
खेल जगत के लिए बेहद बुरी खबर सामने आई है. दिग्गज मुक्केबाज डिंको सिंह का निधन हो गया है. गुरुवार सुबह डिंको सिंह ने आखिरी सांस ली. डिंको सिंह लिवर कैंसर से जूझ रहे थे और साल 2017 से उनका ईलाज चल रहा था. डिंको सिंह ने 1998 में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. डिंको सिंह को साल 1998 में अर्जुन पुरस्कार और 2013 में पद्म श्री से नवाजा गया था.
42 साल के डिंको सिंह पिछले साल कोरोना वायरस की चपेट में आ थे. मणिपुर के रहने वाले मुक्केबाज डिंको सिंह हालांकि पिछले साल कोरोना वायरस को मात देकर अपने घर वापस आ गए थे. डिंको सिंह को देखकर ही मैरीकॉम जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने बॉक्सिंग में हाथ आजमाने का फैसला किया था.
पिछले साल डिंकू सिंह को तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद मणिपुर से दिल्ली भी शिफ्ट किया गया था. लेकिन डिंको सिंह के स्वास्थ्य को देखते हुए थेरेपी नहीं करने का फैसला किया गया. बिना थेरेपी के ही डिंको सिंह दिल्ली से मणिपुर वापस भेज दिया गया था.
केंद्रीय खेल मंत्री ने जताया दुख
डिंको सिंह के निधन पर केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने दुख प्रगट किया है. रिजिजू ने लिखा, ''मुझे डिंको सिंह के निधन से गहरा दुख पहुंचा है. डिंको सिंह भारत के बेहतरीन मुक्केबाजों में से एक थे. डिंको सिंह हमेशा मुक्केबाजों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे.''
ओलंपिक में भारत का परचम लहराने वाले विजेंद्र सिंह भी डिंको सिंह के निधन से दुखी हैं. विजेंद्र सिंह ने लिखा, ''डिंको सिंह के निधन से दुख पहुंचा है. इस मुश्किल धड़ी में हम सब डिंको सिंह के परिवार के साथ हैं. डिंको सिंह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेंगे.''
बता दें कि साल 1997 में डिंको सिंह ने अपने बॉक्सिंग करियर का आगाज किया था. डिंको सिंह को बड़ी कामयाबी तब मिली जब वह 1998 एशियन गेम्स में 54 किलोग्राम कैटेगरी का गोल्ड मेडल अपने नाम करने में कामयाब रहे.
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