बीसीसीआई ने इस साल रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट का आयोजन नहीं कराने का फैसला लिया है. इसके बजाय बीसीसीआई ने एक दिवसीय प्रारूप में खेले जाने वाली विजय हजारे ट्रॉफी के आयोजन को मंजूरी दे दी है. साथ ही सीनियर महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट के आयोजन को भी हरी झंडी दे दी गयी है.


कोरोना वायरस के चलते इस बार संशोधित घरेलू सीजन


दरअसल कोरोना वायरस के चलते बीसीसीआई ने इस साल घरेलू सीजन को संशोधित रखने का फैसला किया था. इसी महीने सैयद मुशताक अली टी-20 ट्रॉफी के आयोजन के साथ ही इस संशोधित घरेलू सीजन की शुरुआत हो चुकी है. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सभी राज्य क्रिकेट एसोसीएशन को लिखे अपने पत्र में कहा, "हमारे लिए महिला क्रिकेट का आयोजन करना बेहद जरुरी है. मुझे आप सभी को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि, हम इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के साथ साथ सीनियर महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट का आयोजन करने जा रहे हैं. इसके बाद वीनू मांकड़ अंडर-19 ट्रॉफी का आयोजन किया जाएगा. संशोधित घरेलू सीजन को लेकर आए आपके सुझावों के बाद ये निर्णय लिया गया है."


बीसीसीआई करेगा खिलाड़ियों के मैच फीस का भुगतान 


हालांकि बीसीसीआई ने तय किया है कि वो रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों की मैच फीस का भुगतान करेगा. रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों को एक मैच के दौरान लगभग 45000 रुपए प्रतिदिन की फीस प्रदान की जाती है.


सभी राज्यों के क्रिकेट संघ से ली थी राय 


बीसीसीआई ने सभी राज्यों के क्रिकेट संघों से विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में से किसी एक के आयोजन पर उनकी राय मांगी थी. जिसमें ज्यादातर राज्यों ने  विजय हजारे ट्रॉफी के आयोजन को लेकर अपनी सहमति प्रदान की.


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