भारतीय टीम के लिए एमएस धोनी का महत्व केवल उनकी शारीरिक उपस्थिति के बारे में नहीं है, बल्कि उनके जरिए युवा खिलाड़ियों को दिए गए इनपुट्स के बारे में भी है जिससे खिलाड़ियों के खेल पर प्रभाव पड़ा है. हालाँकि, वह विश्व कप से भारत के बाहर होने के बाद से अब तक टीम इंडिया में वापस नहीं आए हैं, और कई बहस और अटकलों के बावजूद, पूर्व भारतीय कप्तान का भविष्य अस्पष्ट है.


उसी के बारे में बात करते हुए, कुलदीप यादव ने कहा कि एक तरफ से धोनी की अनुपस्थिति का उन पर एक खिलाड़ी के रूप में प्रभाव पड़ेगा, लेकिन फिर, उसे अच्छे खेल में बनाए रखने के लिए उन्हें अपने खेल पर काफी भरोसा है.


कुलदीप ने कहा कि, “सिर्फ इसलिए कि माही भाई विश्व कप के बाद नहीं खेले हैं, मुझे किसी को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि क्या मैं उन पर निर्भर था. मैं बस अपनी कला को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर सकता हूं और जैसा कि मैंने कहा, यह टीम वर्क है.''


उन्होंने आगे कहा कि, "बेशक, माही भाई ने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया है, क्योंकि विकेटकीपर हमेशा गेंदबाज का सबसे अच्छा जज होता है. माही भाई जैसा कोई अनुभवी हो तो उसे इस बात का अंदाजा है कि कोई बल्लेबाज कैसे खेलता है. यह सब टीम वर्क है.''


बाएं हाथ का स्पिनर लगातार नहीं रहा है और अपने स्थान से बाहर हो गया है, लेकिन वह अभी भी तीनों प्रारूपों में भारत के एक्स-फैक्टर में से एक बना हुआ है. उन्होंने तब से खेला है जब वह तीन प्रारूप में क्रमशः 24 टेस्ट, 60 एकदिवसीय और 21 T20 खेले हैं जहां उनके 24, 104 और 39 विकेट हैं.