हितों के टकराव के मुद्दे को स्पष्ट करे सीओए: राहुल द्रविड़
ABP News Bureau
Updated at:
10 Jun 2017 08:05 AM (IST)
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नई दिल्ली: भारत की अंडर-19 और इंडिया-ए क्रिकेट टीम के कोच होने के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के मेंटॉर राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट का संचलान कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) को पत्र लिखकर हितों के टकराव के मुद्दे को स्पष्ट करने को कहा है.
हाल ही में इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सीओए से अपना इस्तीफा देने के दौरान हितों के टकराव का मुद्दा उठाया है. सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज को देखने के लिए सीओए का गठन किया था. गुहा इस समिति का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने कई अनियमितताओं की बात कहते हुए सीओए से हाल ही में इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने अपने इस्तीफे में अप्रत्यक्ष तरीक से द्रविड़ के इंडिया-ए और भारत की अंडर-19 टीम के कोच रहते हुए डेयरडेविल्स टीम के मेंटॉर होने के मामले को भी हितों के टकराव का मुद्दा बताया था.
बीसीसीआई के मौजूदा प्रावधान में भारत की जूनियर और सीनियर टीम के सपोर्ट स्टाफ को 10 महीनों का कार्यकाल दिया गया जो मार्च में खत्म हो गया था. इसके बाद अप्रैल में वे आईपीएल टीमों के साथ करार कर सकते थे. द्रविड़ के अलावा भारत की सीनियर टीम के फील्डिंग कोच आर. श्रीधर और फीजियो पैट्रिक फार्हट भी आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब से जुड़े थे.
अभी तक चुप बैठे द्रविड़ ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने सीओए को पत्र लिखकर हितों के टकराव के मुद्दे को स्पष्ट रूप से समझाने को कहा है.
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने द्रविड़ के हवाले से लिखा है, "हां, मैंने सीओए को पत्र लिखकर मेरी स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही उनसे हितों के टकराव की स्थिति को पूर्ण रूप से समझाने को कहा है."
उन्होंने कहा, "बीसीसीआई के हितों के टकराव के नियमों को देखते हुए मैं उसमें नहीं आता हूं. अगर करार के बीच में ही नियम बदलें हों तो मेरी आलोचना करना गलत है."
उन्होंने कहा, "मेरा एक ही मुद्दा है. सिर्फ मैं ही नहीं लेकिन मेरे जैसा पांच-छह लोग हैं जो समान स्थिति में हैं. इस मुद्दे पर स्पष्ट होने की जरूरत है. अगर हमें स्पष्ट रूप से पता होगा तो हम अपने फैसले उस हिसाब ले सकेंगे. बिना किसी जानकारी के इस मुद्दे का बाहर आना बेहद निराशाजनक है."
सीओए 12 जून को होने वाली बैठक में द्रविड़ के करार पर चर्चा करेगा और हितों के टकराव को नियमों को और व्यापक रूप देने के बारे में विचार करेगा.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि द्रविड़ का पत्र गुहा के इस्तीफे में किए गए जिक्र पर प्रतिक्रिया है.
वेबसाइट ने बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा है, "ऐसा नहीं है कि यह आज एकदम से आ गया. कोई भी इन मुद्दों को सुलझाने के लिए मना नहीं कर रहा है. आपको सभी कुछ एक प्रक्रिया के तौर पर करना होता है, जो हो रहा है. निश्चित चीजों की निश्चित प्रक्रिया होती हैं. आपको सही तरीके ढूढ़ने की जरूरत होती है."
नियम बनाने की बात पर अधिकारी ने कहा, "हमें कोच और सपोर्ट स्टाफ के लिए सही ढांचा बनाने के मामले के बारे में सोचना पड़ेगा. हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. इसके बाद फैसला इस बात पर लिया जाएगा कि कौन किस समय उपलब्ध रहेगा. सभी चीजें दिमाग में रखनी पड़ेंगी."
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नई दिल्ली: भारत की अंडर-19 और इंडिया-ए क्रिकेट टीम के कोच होने के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के मेंटॉर राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट का संचलान कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) को पत्र लिखकर हितों के टकराव के मुद्दे को स्पष्ट करने को कहा है.
हाल ही में इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सीओए से अपना इस्तीफा देने के दौरान हितों के टकराव का मुद्दा उठाया है. सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज को देखने के लिए सीओए का गठन किया था. गुहा इस समिति का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने कई अनियमितताओं की बात कहते हुए सीओए से हाल ही में इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने अपने इस्तीफे में अप्रत्यक्ष तरीक से द्रविड़ के इंडिया-ए और भारत की अंडर-19 टीम के कोच रहते हुए डेयरडेविल्स टीम के मेंटॉर होने के मामले को भी हितों के टकराव का मुद्दा बताया था.
बीसीसीआई के मौजूदा प्रावधान में भारत की जूनियर और सीनियर टीम के सपोर्ट स्टाफ को 10 महीनों का कार्यकाल दिया गया जो मार्च में खत्म हो गया था. इसके बाद अप्रैल में वे आईपीएल टीमों के साथ करार कर सकते थे. द्रविड़ के अलावा भारत की सीनियर टीम के फील्डिंग कोच आर. श्रीधर और फीजियो पैट्रिक फार्हट भी आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब से जुड़े थे.
अभी तक चुप बैठे द्रविड़ ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने सीओए को पत्र लिखकर हितों के टकराव के मुद्दे को स्पष्ट रूप से समझाने को कहा है.
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने द्रविड़ के हवाले से लिखा है, "हां, मैंने सीओए को पत्र लिखकर मेरी स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही उनसे हितों के टकराव की स्थिति को पूर्ण रूप से समझाने को कहा है."
उन्होंने कहा, "बीसीसीआई के हितों के टकराव के नियमों को देखते हुए मैं उसमें नहीं आता हूं. अगर करार के बीच में ही नियम बदलें हों तो मेरी आलोचना करना गलत है."
उन्होंने कहा, "मेरा एक ही मुद्दा है. सिर्फ मैं ही नहीं लेकिन मेरे जैसा पांच-छह लोग हैं जो समान स्थिति में हैं. इस मुद्दे पर स्पष्ट होने की जरूरत है. अगर हमें स्पष्ट रूप से पता होगा तो हम अपने फैसले उस हिसाब ले सकेंगे. बिना किसी जानकारी के इस मुद्दे का बाहर आना बेहद निराशाजनक है."
सीओए 12 जून को होने वाली बैठक में द्रविड़ के करार पर चर्चा करेगा और हितों के टकराव को नियमों को और व्यापक रूप देने के बारे में विचार करेगा.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि द्रविड़ का पत्र गुहा के इस्तीफे में किए गए जिक्र पर प्रतिक्रिया है.
वेबसाइट ने बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा है, "ऐसा नहीं है कि यह आज एकदम से आ गया. कोई भी इन मुद्दों को सुलझाने के लिए मना नहीं कर रहा है. आपको सभी कुछ एक प्रक्रिया के तौर पर करना होता है, जो हो रहा है. निश्चित चीजों की निश्चित प्रक्रिया होती हैं. आपको सही तरीके ढूढ़ने की जरूरत होती है."
नियम बनाने की बात पर अधिकारी ने कहा, "हमें कोच और सपोर्ट स्टाफ के लिए सही ढांचा बनाने के मामले के बारे में सोचना पड़ेगा. हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. इसके बाद फैसला इस बात पर लिया जाएगा कि कौन किस समय उपलब्ध रहेगा. सभी चीजें दिमाग में रखनी पड़ेंगी."
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