IND vs ENG: इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ का मानना- टेस्ट सीरीज में तेज गेंदबाजों के अनुकूल हो सकते हैं विकेट
रोरी बर्न्स का मानना है कि विश्व के शीर्ष गेंदबाजों में शामिल जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाले भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए आगामी टेस्ट सीरीज के लिये मेजबान टीम स्पिनरों के अनुकूल विकेटों के बजाय तेज गेंदबाजों को मदद पहुंचाने वाले विकेट तैयार करवा सकती है.
IND vs ENG: इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज रोरी बर्न्स का मानना है कि विश्व के शीर्ष गेंदबाजों में शामिल जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाले भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए आगामी टेस्ट सीरीज के लिये मेजबान टीम स्पिनरों के अनुकूल विकेटों के बजाय तेज गेंदबाजों को मदद पहुंचाने वाले विकेट तैयार करवा सकती है.
30 साल के बर्न्स ने इसके साथ ही कहा कि उनकी स्पिन जोड़ी ऑफ ब्रेक गेंदबाज डॉम बेस और बायें हाथ के स्पिनर जैक लीच पर दबाव नहीं बनाना चाहिए, जिन्हें भारत की मजबूत बल्लेबाजी का सामना करना है.
बर्न्स ने गुरुवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो आपको उन पर उम्मीदों का बोझ नहीं लादना चाहिए. वे अपना काम करेंगे और उन्होंने श्रीलंका में गेंदबाजी की और अच्छी लय में हैं जो कि महत्वपूर्ण है और यह भारतीय पिचों के अनुकूल प्रदर्शन करने से जुड़ा है.’’
इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ ने आगे कहा, ‘‘वे पहले भी विभिन्न टीमों के साथ यहां का दौरा कर चुके हैं और इसलिए उन्हें यहां खेलने का अनुभव है. पिच के बारे में जाने बिना आप उन पर अपेक्षाओं का बोझ नहीं डालना चाहते और भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए हो सकता है कि विकेट थोड़ा तेज गेंदबाजों के अनुकूल हो. एक दिन रात्रि मैच भी होगा इसलिए यह (विकेट) थोड़ा अलग हो सकता है.’’
बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि बुमराह जैसे गेंदबाज के लिये तैयारी करना कड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, ‘‘उसके लिये तैयारी करना वास्तव में चुनौतीपूर्ण है. वह जिस तरह से गेंदबाजी करता है वह सबसे अलग है. हम इन पहलुओं पर काम कर रहे हैं और जितना हो सके क्रीज पर इन्हें दोहराने की कोशिश करेंगे.’’
इंग्लैंड की टीम को पांच दिन के पृथकवास के बाद केवल तीन दिन के अभ्यास का मौका मिलेगा. इस बल्लेबाज ने होटल के कमरे में शीशे के सामने बल्लेबाजी का अभ्यास किया. उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड के बाद की दुनिया चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘हां यह वास्तव में चुनौती है. हम इस कार्यक्रम के साथ कुछ नहीं कर सकते. इसके बारे में सोचना समय बर्बाद करना होगा और इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है.’’
यह भी पढ़ें-
श्रीलंका के चीफ सेलेक्टर ने इंग्लैंड से मिली हार के बाद इस्तीफा दिया