फीफा वर्ल्ड कप में आज खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में क्रोएशिया की टीम इंग्लैंड को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाना चाहेगी. वहीं इंग्लैंड भी यह मुकाबला जीतकर 52 साल बाद फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेगी. आखिर बार इंग्लैंड की टीम ने 1966 में फाइनल में जगह बनाई थी और खिताब अपने नाम किया था. इस मैच की विजेता का मुकाबला पहला सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंचने वाली फ्रांस से होगा.


इंग्लैंड ने 1990 में वर्ल्ड कप में चौथा स्थान हासिल किया था और क्रोएशिया ने 1998 में सेमीफाइनल में एंट्री हासिल की थी. ऐसे में दोनों टीमें लगभग एक दशक के बाद एक बार फिर उसी स्तर पर हैं और इस बार दोनों ही टीमों का लक्ष्य फाइनल में जाना होगा.


इंग्लैंड ने पहली और आखिरी बार 1966 में खिताब अपने नाम किया था. उसके बाद हालांकि 1990 में ही अंतिम-4 में जगह बना सकी थी. आज की टीम में शामिल 23 में 17 खिलाड़ियों का जन्म भी उस समय नहीं हुआ था. इस लिहाज से वे इस वर्ल्ड कप को यागदार बनाना चाहते हैं.


क्रोएशिया ने सेमीफाइनल तक का रास्ता बेहद ही बेहतरीन प्रदर्शन के साथ तय किया है. उसने डेनमार्क और रूस के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल कर अंतिम-4 में जगह बनाई.


मेसी के बाद हैरी को रोकने की कोशिश करेगी क्रोएशिया


लगभग 28 साल बाद फीफा वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंची इंग्लैंड के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए क्रोएशिया की टीम तैयार है. टीम के कोच ज्लातको डालिक का कहना है कि अगर क्रोएशिया लियोनेल मेसी जैसे खिलाड़ी को हरा सकता है, तो गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे चल रहे इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन को भी रोक सकता है.


हैरी के अलावा, रहीम स्टर्लिग भी क्रोएशिया के डिफेंस के लिए खतरा साबित हो सकते हैं. उसके पास हैरी मैग्वीरे जैसा डिफेंडर भी है और गोलकीपर के रूप में जॉर्डन पिकफोर्ड क्रोएशिया को रोकने के लिए तैयार हैं.


इंग्लैंड को हालांकि, 20 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंची क्रोएशिया टीम के मिडफील्डर लुका मोड्रिक से सबसे अधिक डर है. मोड्रिक अपने साथी खिलाड़ी इवान राकिटिक और इंटर मिलान के इवान पेरिसिक के साथ मिलकर टीम का मिडफील्ड संभाल रहे हैं.


क्रोएशिया को भी अपने गोलकीपर डेनिजेल सुबासिक को रूस के खिलाफ खेले गए मैच के दौरान मांस-पेशियों में खिंचाव की समस्या हुई थी. इस दर्द के बाद भी वह मैदान पर टिके हुए थे. ऐसा कहा जा रहा है कि मेडिकल जांच के बाद ही सेमीफाइनल में उनकी उपस्थिति के बारे में कुछ कहा जा सकता है.


सुबासिक हालांकि, आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि रूस के खिलाफ मैच के दौरान मांस-पेशियों में दर्द हुआ था. ऐसे में उनके वैद्य से बातें पूछी जा सकती हैं और सेमीफाइनल के लिए उनकी उपस्थिति भी स्पष्ट हो पाएगी. क्रोएशिया की टीम में उसके डिफेंडर डोमागोज वीडा को भी हरी झंडी मिल गई है.


रूस के खिलाफ मैच के दौरान यूक्रेन के पक्ष में टिप्पणी करने के कारण वीडा और क्रोएशिया टीम के सहायक कोच ओगनजेन वुकोजेविक को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा. ऐसे में फीफा ने जहां एक ओर वीडा को चेतावनी दी है, वहीं वुकोजेविक को उनके गृहनगर भेज दिया गया है.


क्रोएशिया के पिछले दो मैचों से यह साफ जाहिर है कि वह अपना डिफेंस कमजोर नहीं पड़ने देगी और पेनाल्टी शूटआउट की स्थिति में उसकी जीत लगभग निश्चित है, वहीं इंग्लैंड का नेतृत्व करने के लिए उसके पास हैरी जैसा कप्तान है.


टीमें :


क्रोएशिया :


गोलकीपर : डेनिजेल सुबासिक, लोवरो कालिनिक और डोमिनिक लिवाकोविक


डिफेंडर : वेद्रन कोलुर्का, डोमागोज विदा, इवान स्ट्रिनीक, डेजान लोवरेन, सिमे वसाल्जको, जोसिप पीवारिक, टिन जेडवेज, डुजे सालेटा कार


मिडफील्डर : लुका मोड्रिक, मटिओ कोवाचिक, इवान रेकिटिक, मिलान बाडेल्ज, मासेर्लो ब्राजोविक और फिलिप ब्राडेरिक


फारवर्ड : मारियो मांजुकिक, इवान पेरीसिक, निकोला कालिनीक, एंद्रेज करामारिक, मार्को पीजासा और एंटे रेबिक


इंग्लैंड :


गोलकीपर : जॉर्डन पिकफोर्ड, जैक बुटलैंड, निक पोप.


डिफेंडर : केल वॉकर, डेनी रोस, जॉन स्टोन्स, हैरी मेग्वीर, कीरान ट्रिपिर, गैरी काहिल, फिल जोन्स, फाबिया डेल्फ, एश्ले यंग, ट्रेंट एलेक्जेंडर आरनोल्ड


मिडफील्डर : एरिक डिएर, जेसे लिंगार्ड, जॉर्डन हेंडरसन, डेले अली, रुबेन लोफ्टस चीक


फॉरवर्ड : हैरी केन, रहीम स्टर्लिग, जैमी वार्डी, डैनी वेलबैक, मार्कस रैशफोर्ड.