फीफा वर्ल्ड कप में क्वार्टर फाइनल मुकाबलों की शुरुआत खिताब की सबसे तगड़ी दावेदार ब्राजील की हार के उलटफेर के साथ हुई है. बेल्जियम ने ब्राजील तो वहीं फ्रांस ने ऊरुग्वे को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए आज जहां क्रोएशिया को रूस से भिड़ना होगा, वहीं इंग्लैंड के सामने स्वीडन की चुनौती होगी.


बरसों का सूखा खत्म करने उतरेंगी दोनों टीमें


आज के मैच में इंग्लैंड और स्वीडन दोनों के पास जीत हासिल करके इतिहास रचने का मौका है. दोनों टीमों की कोशिश रहेगी कि वह आज जीत हासिल करके बरसों से चले आ रहे अंतिम-4 में न जाने के अपने सूखे को खत्म करे पाएं.


स्वीडन ने 1994 के बाद से कभी भी विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बनाई है. 1994 में स्वीडन को तीसरा स्थान मिला था. इंग्लैंड 1990 में इटली में खेले गए विश्व कप में चौथे स्थान पर रहा था लेकिन इसके बाद वह कभी सेमीफाइनल में कदम नहीं रख सका. ऐसे में दोनों टीमों की कोशिश बरसों से जारी कमी को पूरा करने की होगी.


स्वीडन ने स्विट्जरलैंड को मात देकर अंतिम-8 में जगह बनाई है. इंग्लैंड ने कोलंबिया को पेनाल्टी शूटआउट में हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है. दोनों टीमों की ताकत एक दूसरे से उलट है. स्वीडन का डिफेंस दमदार है तो इंग्लैंड की आक्रमण पंक्ति. मैच में इन दोनों के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.


स्वीडन ने अभी तक खेले चार मैचों में सिर्फ दो गोल खाए हैं, वहीं अगर कोलंबिया के खिलाफ हुए पेनाल्टी शूट आउट को हटा दें तो इंग्लैंड ने अभी तक चार गोल खाए हैं. स्वीडन ने अभी तक छह गोल किए हैं जबकि इंग्लैंड ने नौ गोल किए हैं जिसमें छह गोल अकेले उसके कप्तान हैरी केन के हैं. वह गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे हैं.


देखना यह होगा कि स्वीडन का डिफेंस इंग्लैंड की मजबूत आक्रामण पंक्ति को रोक पाता है या नहीं. हालांकि स्वीडन के लिए डिफेंस में एक खतरा यह है कि उसके खिलाड़ी मिकाएल लस्टिंग येलो कार्ड के कारण निलंबन झेल रहे हैं और इस मैच में नहीं उतरेंगे. वहीं उसके लिए अच्छी बात यह है कि मिडफील्डर सेबस्टियन लार्सन निलंबन के बाद वापसी कर रहे हैं. लस्टिंग की गैरमौजूदगी में स्वीडन का डिफेंस कैसे केन और उनके अटैक को रोकेगा, इसके लिए कोच को विशेष तैयारी करनी होगी.

वहीं टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली रूस की टीम क्रोएशिया के खिलाफ अपनी आक्रमकता के बल पर जीत दर्ज करना चाहेगी. दूसरी तरफ क्रोएशिया की कोशिश 20 साल बाद एक बार फिर सेमीफाइनल में कदम रखने की होगी.


रूस के पास भी है इतिहास रचने का मौका


रूस ने ग्रुप चरण में तीन में से दो मैच जीतकर छह अंकों के साथ अंतिम-16 में प्रवेश किया जहां उसने स्पेन को पेनाल्टी शूटआउट में हराकर क्वार्टर फाइनल में कदम रखा. रूस को एक बार फिर अपने दो स्टार खिलाड़ियों अर्टेम ज्यूबा और डेनिस चेरिशेव से काफी उम्मीदें होंगी जो टूर्नामेंट में अब तक तीन-तीन गोल दाग चुके हैं.


साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ा है और इस बार उसके पास अपने घरेलू दर्शकों के सामने इतिहास रचने का मौका है. सोवियत संघ के रूप में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1966 में रहा था जब उसने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था.


रूस और क्रोएशिया की टीमें शूटआउट में जीत दर्ज कर क्वार्टर फाइनल तक पहुंची हैं. ऐसे में मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों ही टीमें जल्दी गोल खाना नहीं चाहेगी. क्रोएशिया ने भी अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया है. क्रोएशिया ग्रुप चरण में तीन मैचों में तीन जीत के साथ नौ अंक लेकर अंतिम-16 में पहुंचा था जहां उसने डेनमार्क को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 (1-1) से हराकर क्वार्टर फाइनल में कदम रखा है.


क्रोएशिया 1998 में पहली बार विश्व कप के सेमीफाइनल पहुंचा था और उसकी कोशिश 20 साल बाद एक बार फिर से अंतिम-4 में पहुंचने की होगी. टीम के स्टार खिलाड़ियों में शामिल लुका मोड्रिक से टीम को काफी उम्मीदें होंगी. रियल मेड्रिड के लिए खेलने वाले मोड्रिक के अलावा टीम के 16 खिलाड़ी यूरोप की पांच बड़ी लीग में खेलते है जिसका फायदा टीम को मिलता दिख रहा है.