इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीज़न में शानदार प्रदर्शन करने वाले सूर्यकुमार यादव पिछले तीन साल से मुंबई इंडियंस के लिए ढ़ेरों रन बना रहे हैं. सूर्याकुमार सिर्फ आईपीएल में ही नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा का सबूत लगातार घरेलू क्रिकेट में भी देते आ रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद उन्हें अब तक टीम इंडिया से बुलावा नहीं आया है. मौजूदा वक्त में हर कोई इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में देखना चाहता है, चाहे वो क्रिकेट प्रेमी हों या पूर्व क्रिकेटर. आइये जानें कि सूर्या खुद इस बारे में क्या सोचते हैं........पढिए सूर्यकुमार यादव से उनके क्रिकेटिंग करयिर पर हमारी खास बातचीत.


मुंबई स्कूल ऑफ क्रिकेट के खिलाड़ी अक्सर टीम इंडिया में जाने के लिए मौका छीनने के लिए जाने जाते हैं, उनका मानना होता है कि अगर मेरे 100 रन बनाने पर आप मुझे नहीं  चुनेंगे तो मैं 200 बनाऊंगा. आपको भी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मौका नहीं मिला, तो इस बारे में क्या कहेंगे?


मुंबई स्कूल ऑफ क्रिकेट में ऐसा ही चलता आ रहा है. यहां से बहुत से ऐसे 'खड़ूस' क्रिकेटर निकले हैं, जिन्होंने इंडिया के लिए खेला है. उन्होंने जो लेगेसी छोड़ी है, हम उसी को फॉलो करते हैं. जैसे कि क्लब क्रिकेट खेलने वालों को अगर मुंबई की टीम में जगह नहीं मिलती है तो वो क्लब क्रिकेट में और स्कोर करते हैं और फिर मुंबई टीम में जगह बनाते हैं. मेरी भी सेम सोच है. हां, थोड़ी निराशा होती है, लेकिन मैं हमेशा सब से यही कहता हूं कि 'द शो मस्ट गो ऑन'. सबकुछ समय पर ही मिलता है. लेकिन आपको बैट से हमेशा रन बनाते रहना चाहिए और अपने बैट से ही जवाब देना चाहिए.


आप आईपीएल में 2000 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले अनकैप्ड प्लेयर हैं, तो आपके प्रदर्शन में ये निरंतरता कैसे आती है?


मैं हमेशा यही सोचता हूं कि आप कोई भी फॉर्मेट खेलें, आपका रन बनाना बेहद जरूरी है. मैं कोशिश करता हूं कि मैं जो भी पारी खेलू वो इम्पैक्टफुल हो. और सबसे अहम बात ये है कि मैं सिर्फ टी20 क्रिकेट को एन्ज्वॉय नहीं करता हूं बल्कि एकदिवसीय और चारदिवसीय सभी फॉर्मेट को वैसा ही एन्ज्वॉय करता हूं. मैं रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे वनडे और सैयद मुश्ताक अली टी20 या आईपीएल सभी में एन्ज्वॉय करता हूं.


क्या आप ऐसा कहेंगे कि जब आपको कप्तान का समर्थन मिलता है, तो आत्मविश्वास बढ़ जाता है? क्योंकि 2015 में गौतम गंभीर ने आपके लिए ट्वीट किया था और अभी जब ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए आपको नहीं चुना गया तो रोहित शर्मा ने भी आपको बैक किया.


जी हां जरूर, जब मैं पहले केकेआर में था उस वक्त गौतम गंभीर ने मुझे काफी बैक किया. वह मुझसे हमेशा बात करते रहते थे कि कैसे मैं अपना गेम आगे लेकर जा सकता हूं. इसके बाद जब मैं मुंबई इंडियंस में आया और जब मुझे खेलने का मौका मिला, तो उस वक्त वहां कप्तान रोहित शर्मा थे. यहां मेरे अभी तक का बेस्ट टाइम गया है. क्योंकि जब उनसे मैं बात करता हूं, क्रिकेट के बारे में. जब भी रोहित शर्मा से बात करता हूं अच्छा लगता है क्योंकि वह अपनी गेम को बहुत अच्छे से जानते हैं. जितनी बार भी मैदान पर मैंने उनके साथ बल्लेबाजी की है पता ही नहीं चलता कब मेरे भी रन हो जाते हैं और उनके भी रन बन जाते हैं. वह बहुत अच्छे खिलाड़ी और कप्तान हैं. उनसे बहुत कुछ सीखने को
मिलता है ग्राउंड पर.


हम अक्सर कहते हैं कि SKY इज द लिमिट, लेकिन आपने अपने whatsapp status में लिखा SKY इज द नोट आ लिमिट, मतलब आप कहां तक जाना चाहते हैं?


देखिए लोग अक्सर बोलते हैं कि SKY इज द लिमिट और जैसा कि आप कह रहे हैं कि मैंने अपने whatsapp status में लिखा SKY इज द नोट आ लिमिट, इसके आगे मेरे हिसाब से ये लिमिट नहीं, बेंच मार्क है.


मुंबई इंडियंस की सफलता का राज क्या है?


मेरे हिसाब से टीम की सफलता का सबसे बड़ा क्रेडिट, टीम के मालिक का है. क्योंकि उन्होंने पूरी टीम को इतनी अजादी दी हुई है. चाहे सपोर्ट स्टाफ हो या खिलाड़ी हों, उन्होंने सभी को पूरी फ्रीडम दे रखी है. ये एक बहुत बड़ी बात है, क्योंकि मुझे लगता है कि ये काफी रेयर है. दरअसल, सपोर्ट स्टाप ने सभी प्लेयर को उनका रोल साफ साफ बताया हुआ है कि आपको इस स्थिति में क्या करना है. बाकी सपोर्ट स्टाफ की बात करें, तो ड्रेसिंग रूम में सपोर्ट स्टाफ के रूप में हमारी टीम में इतने बड़े बड़े दिग्गज हैं, तो वो प्रेशर अपने ऊपर ले लेते हैं और खिलाड़ियों पर प्रेशर ही नहीं आने देते हैं. प्लेयर को बस मैदान पर जाना होता है और खुद को एक्सप्रेस करना होता है.


सूर्या मैंने हाल ही में आपके एक इंटरव्यू में पढ़ा कि आपको सचिन तेंदुलकर ने भी मैसेज किया जब आपको ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया में मौका नहीं मिला. इस बारे में कुछ बताएं?


जी, जिस दिन टीम का सेलेक्शन हुआ था, उस दिन मुझसे कई लोगों ने बात की. रोहित ने, महेला जयावर्धने ने. लेकिन उसके बाद जब मैं आरसीबी के खिलाफ खेला, उसके बाद मैं एक-दो दिन बैठा था आराम से, तब मुझे याद है कि उनका मैसेज आया था और उन्होंने एक छोटे से पैराग्राफ में काफी कुछ बोल दिया. मुझे लगता है कि जब तक मैं क्रिकेट खेलूंगा या मेरा क्रिकेट करियर खत्म हो जाएगा, उसके बाद भी मैं इस चीज़ के बैठकर चेयरिश कर सकता हूं. उन्होंने कहा था, "वेल्डन ऑन योर परफोर्मेंस. इसे आगे भी जारी रखो. भारत के लिए तुम्हारा खेलने का सपना काफी करीब है. सिर्फ क्रिकेट पर फोकस रखो और अपने आपको पूरी तरह से क्रिकेट के लिए सरेंडर कर दो." उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों से अपनी जर्नी भी शेयर की है, वो हमेशा एक ही बात बोलते थे कि उनके जो कोच थे आचरेकर सर, वो उनसे बोलते थे कि आप जितना क्रिकेट से ईमानदार रहोगे, क्रिकेट उतना ही जिंदगीभर आपका ध्यान देगा. तो उन्होंने मुझे भी वही सेम चीज़ बोली.


आपको बताऊं कि जब मैं छोटा था, तो रणजी ट्रॉफी में भी मैं सचिन के साथ खेला था. जब वह मुंबई के लिए खेलते थे, तो उन्होंने मुझे बड़े होते हुए देखा है. सबसे अहम बात, आपको भी पता है कि 24 साल उन्होंने क्रिकेट पर राज किया है. अगर उनके जैसा इंसान मुझे मोटिवेट करता है, तो फिर इससे बड़ी बात कोई हो ही नहीं सकती है.


फ्रेंचाइजी हों या पूर्व क्रिकेटर हों, जब आपको इतना समर्थन मिलता है, तो कैसा लगता है?


बहुत अच्छा लगता है. उन्हें भी उम्मीद है ये आगे चलकर अच्छा क्रिकेट खेलेगा. ये सब बातें मुझे मोटिवेट कर रही हैं. और मैं कितना अच्छा खेल सकता हूं. और मैं कितने ज्यादा रन बना सकता हूं. कैसे मैं एक और स्टेप आगे जा सकता हूं. बहुत लोग का सपोर्ट है, ये देखकर काफी अच्छा लग रहा है. अभी मैं सिर्फ मेहनत कर रहा हूं, जब मुझे मौका मिलेगा, तो मैं उसे दोनों हाथों से ग्रैब कर लूंगा.


आपको अगर हम एक हाइपोथेटिक स्थिति दें. मान लीजिए कि आपको टीम इंडिया में मौका मिल गया और आपको 2021 विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में पहला मौका दिया गया है, सामने ऑस्ट्रेलिया है और 20 गेंदो में 52 रन चाहिए, तो क्या होगा. आप होम ग्राउंड पर उतर रहे हैं कोई प्रेशर होगा?


बिल्कुल प्रेशर तो होगा ही. जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि बिना प्रेशर के क्रिकेट खेलने में मजा ही नहीं है. अगर प्रेशर हो और आप उसे ओवरकम कर लें, तो आप मैदान में जाकर जंग जीत सकते हैं. लेकिन मेरे हिसाब से वो मेरी लाइफ का सबसे बेस्ट मोमेंट होगा, क्योंकि अगर जो सिचवेशन आप दे रहे हैं, तो वो करियर डिफाइनिंग हो सकता है. इसलिए मैं कोशिश करूंगा कि यहां से मैं इंडिया को जिता दूं और जितना लंबा मैंने इंडिया के लिए खेलने का सोचा है, उतना लंबा खेल सकूं.


अगर आपको आईपीएल में खेली टॉप 3 इनिंग को चुनना है तो 1, 2 और 3 में क्या रहेगा?


अगर टॉप तीन गिनेंगे तो पहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ इस साल खेली मेरी 79 रनों की पारी होगी, क्योंकि मैं इसमें नाबाद लौटा और मैंने प्रेशर सिचवेशन से टीम को जिताया. पिछले साल 2019 में क्वालीफायर 1 में चेन्नई के खिलाफ खेली पारी को मैं दूसरे नंबर पर रखना चाहूंगा. उस मैच में हम जीते और सीधा फाइनल में जगह बनाई. वो पारी भी मेरे दिल के काफी करीब है. और हां वो 2014 वाली पारी भी मेरे दिल के काफी करीब है.


RCB के खिलाफ विराट कोहली के साथ मैच में हुई नोकझोंक पर क्या कहना चाहेंगे?


मैच के दौरान ऐसा हो जाता है. उन्होंने मुझसे मैच के बाद कहा कि तुमने अच्छा खेला. मैंने उन्हें हर मैच में इतनी ऊर्जा से खेलते हुए देखा है. मैंने उनको इंडिया के मैचों में भी देखा है. जो उनका एनर्जी लेवल है, जो उनका डोमिनेशन लेवल है. वो मैंने टीवी पर ही देखा है बस मेरे पास अच्छा मौका था कि मैं उन्हें नजदीक से देखूं. वो विरोधी टीम में थे, इतना तो चलता है लेकिन मैच के बाद सब ठीक हो गया था. उम्मीद है कि मैं उनके साथ भी जल्द खेलूंगा.


आपने क्रिकेट कहां से शुरू किया, स्ट्रीट क्रिकेट से कैसे आप आगे बढ़े? ये सफर कितना मुश्किल था?


मुश्किल तो नहीं कह सकते हैं. लेकिन थोड़ा मुश्किल कह भी सकते हैं. दरअसल, मेरे परिवार का बैकग्राउंड खेल से जुड़ा नहीं है. शुरू में मैं क्रिकेट मजे के लिये खेलता था, जब मैं 12 से 13 साल का था. मुझे परिवार से पूरा समर्थन मिला, उन्होंने मुझे पूरा सपोर्ट किया. इसके बाद अंडर-15 खेलकर मेरे क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई. उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. गेम को एन्जॉय करता गया और आगे बढ़ता गया. इसके बाद मैंने मुंबई के लिए रणजी में डेब्यू किया.