बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल के बारे में 9 दिसंबर को निर्णय लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इन दोनों के कार्यकाल से संबंधित मामले की अंतिम सुनवाई करेगी.
शीर्ष कोर्ट के फैसले पर दोनों का भविष्य टिका है. लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों और बीसीसीआई कंस्टीट्यूशन के अनुसार बीसीसीआई के प्रेसिडेंट और सचिव दोनों का कार्यकाल दो वर्षीय कूलिंग ऑफ क्लॉज के तहत स्टेट और बोर्ड (या दोनों) में संयुक्त रूप से छह साल का होना चाहिए.
लोढ़ा समिति की सिफारिश और बीसीसीआई कंस्टीट्यूशन की मानें तो सौरव गांगुली और जय शाह का कार्यकाल समाप्त हो गया है. अब इन दोनों को दो साल कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना है. नियमों के मुताबिक राज्य क्रिकेट और बीसीसीआई सहित किसी भी पद पर कोई व्यक्ति 6 साल से अधिक नहीं रह सकता है. बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले सौरव गांगुली वेस्ट बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन और जय शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन बोर्ड में पदों पर आसीन थे.
हालांकि बीसीसीआई ने कूलिंग ऑफ क्लॉज की समीक्षा के लिए अन्य 12 बदलावों की भी मांग की थी. गांगुली और जय शाह ने इस अवधि के दौरान काम करना जारी रखा. यह मामला सितंबर से शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है लेकिन ऐसा पहली बार है जब अदालत ने सुनवाई के लिए तारीख दी है.