D Gukesh: 20 दिन पहले बने 'शतरंज के बादशाह', अब मिला खेल रत्न; डी गुकेश की कहानी आपको जरूर जानना चाहिए
Khel Ratna: डी गुकेश पहली बार 2015 में अंडर-9 चेस चैंपियनशिप जीतकर सुर्खियों में आए थे. फिर इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. डी गुकेश 2018 में स्पेन में उन्हें वर्ल्ड अंडर-12 चैंपियन बने.
D Gukesh Stroy: पिछले दिनों डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप (FIDE) जीतकर इतिहास रच दिया था. इस टाइटल को जीतने वाले डी गुकेश सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने. इस तरह वह विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बने. वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद डी गुकेश ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डी गुकेश से मुलाकात की. वहीं, अब इस दिग्गज ग्रैंडमास्टर को खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है, लेकिन क्या आप डी गुकेश की कहानी जानते हैं?
किसी हिंदी फिल्म से कम नहीं डी गुकेश की कहानी
डी गुकेश पहली बार 2015 में अंडर-9 चेस चैंपियनशिप जीतकर सुर्खियों में आए थे. फिर इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. डी गुकेश 2018 में स्पेन में उन्हें वर्ल्ड अंडर-12 चैंपियन बने. इस कैटेगरी में वर्ल्ड के तीसरे सबसे कम उम्र के चेस ग्रैंडमास्टर बने.
इस तरह बढ़ता चला गया डी गुकेश का कारवां
डी गुकेश की कामयाबी का करवां यहीं नहीं रूका... इस दिग्गज ने 2021 में जूनियस बेयर चैलेंजर्स चेस टूर 14/19 प्वाइंट्स से जीता. फिर इस ग्रैंडमास्टर ने 2022- अगस्त महीने में 44वें चेस ओलंपियाड में दुनिया के नंबर-1 रैंक के अमेरिका के खिलाड़ी को हराया. अक्टूबर महीने में मैग्नस कार्लसन (वर्ल्ड नंबर-1 चेस प्लेयर) को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने. 2023 में 2700 से ऊपर हाइएस्ट FIDE रेटिंग पाने वाले यंगेस्ट प्लेयर बने.
माता-पिता की कुर्बानी को सही साबित किया
दरअसल डी गुकेश की कामयाबी में माता-पिता का बड़ा योगदान रहा है. 29 मई 2006 को चेन्नई में जन्मे डी गुकेश के पिता डॉ रजनीकांत ENT स्पेशलिस्ट हैं. जबकि मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. डी गुकेश को कम उम्र से ही चेस कंपटीशन्स के लिए जगह-जगह जाना पड़ता था. उनके साथ आने-जाने के लिए पिता रजनीकांत ने नौकरी तक छोड़ दी. वहीं, अब डी गुकेश ने वर्ल्ड चैंपियन बनकर अपनी फैमली के फैसले को सही साबित किया है. बताते चलें कि डी गुकेश के अलावा मनु भाकर, हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए चुना गया है.
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