नई दिल्ली: कोलंबिया के खिलाफ पिछले मैच में कुछ अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाने वाली भारतीय टीम गुरूवार यहां घाना के कप्तान एरिक अयाह और उनके दमदार साथियों के सामने पस्त नजर आयी. अफ्रीकी टीम ने एकतरफा मुकाबले में 4-0 से जीत दर्ज करके फीफा अंडर-17 विश्व कप के प्री क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित की. इसके साथ ही पहली बार फीफा में खेलने उतरी भारतीय अंडर-17 टीम का अंतिम 16 में पहुंचने का सपना चूर हो गया.

घाना की तरफ से एरिक अयाह (43वें और 52वें मिनट) ने दो जबकि स्थानापन्न रिकार्डो डान्सो (86वें) और इमानुअल टोकु (87वें मिनट) ने एक-एक गोल दागा. मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों विशेषकर धीरज सिंह की आंखों में आंसू थे जिन्होंने मैच में कुछ अच्छे बचाव किये. भारत तीनों मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया. भारत को लगातार तीसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा.

पिछले मैच में कोलंबिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारत से उम्मीद बंध गयी थी लेकिन दो बार का चैंपियन घाना उससे खेल के हर क्षेत्र में अव्वल साबित हुआ. घाना ने इस जीत से तीन मैचों में छह अंक के साथ ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहकर अंतिम सोलह में पहुंचा. कोलंबिया और अमेरिका के भी छह-छह अंक रहे लेकिन गोल अंतर में वे क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर खिसक गये.

घाना के खिलाड़ी कद काठी में काफी मजबूत थे लेकिन भारतीयों ने फुर्ती और कौशल के मामले में उन्हें शुरू में बराबर की टक्कर दी. खेल आगे बढ़ने के साथ हालांकि अंतर साफ नजर आने लगा और अफ्रीकी टीम का दबदबा बढ़ता गया. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में मौजूद 52,614 दर्शकों में से अधिकतर ने हर पल भारतीयों का उत्साह बनाये रखा लेकिन दर्शकों का जोश मैदान का अंतर नहीं पाट पाया. पिछले मैच में गोल करने वाले जैकसन आज पूरी तरह निष्प्रभावी रहे. गेंद पर 65 प्रतिशत घाना का नियंत्रण रहा.

खेल के छठे मिनट में ही भारतीय रक्षापंक्ति में छितराव दिखा जिसका फायदा उठाकर घाना के खिलाड़ी तेजी से भारतीय पोस्ट में घुसे. एरिक के सामने तब केवल गोलकीपर धीरज सिंह थे और वह उन्हें छकाने में कामयाब भी रहे लेकिन ‘ब्लैक कैट्स’ के स्टार फारवर्ड को ऑफ साइड करार दे दिया गया जिससे भारतीय टीम और बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों ने राहत की सांस ली.

राइट विंगर सादिक इब्राहीम ने दायें छोर से लगातार हमले करके भारतीयों पर दबाव बनाये रखा. भारतीय डिफेंडर संजीव स्टालिन ने अपनी पूरी ताकत सादिक को रोकने पर लगा रखी थी लेकिन यह मिडफील्डर 20वें मिनट में करारा शॉट भारतीय गोल में जमाने में सफल रहा. धीरज की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने उसी कुशलता से बाहर का रास्ता दिखाया. इसके छह मिनट बाद स्टालिन की चूक पर अनवर अली ने सादिक को रोका.

पहले दस मिनट के बाद अधिकतर समय गेंद भारतीय पाले में मंडराती रही. इस बीच भारत ने जरूर कुछ जवाबी हमले किये. घाना और भारत दोनों की कहानी टूर्नामेंट में अब एक जैसी चलती रही. दोनों विशेषकर घाना कुछ अच्छे मूव बनाने के बावजूद अंतिम क्षणों की चूक के कारण गोल नहीं कर पाया और यहां पहले हाफ में इसकी पुनरावृत्ति ही देखने को मिली.

भारत के रक्षकों विशेषकर स्टालिन, अनवर और बोरिस थंगजाम की तारीफ करनी होगी जिन्होंने कुछ बहुत ही अच्छे बचाव किये. खेल के 34वें मिनट में बोरिस को पीला कार्ड मिला जिसके कारण घाना को ‘डी’ के ठीक बाहर फ्री किक मिली लेकिन एरिक अयाह का शाट क्रास बार के ऊपर से निकल गया. एरिक ने हालांकि जल्द ही इस गलती में सुधार दिया.
धीरज को इससे ठीक पहले चिकित्सक की मदद लेनी पड़ी थी लेकिन उन्होंने फुर्ती दिखाकर सादिक का शाट रोक दिया जिन्होंने स्टालिन को आसानी से छकाया था. धीरज हालांकि गेंद पर काबू नहीं रख पाये वह छिटककर एरिक के पास पहुंची जिन्होंने करारा शाट जमाकर उसे गोल के हवाले किया. एरिक का यह टूर्नामेंट में पहला गोल था जिसकी बदौलत घाना मध्यांतर तक 1-0 से आगे था.

एरिक इस मैच से पहले भले ही प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे थे लेकिन लगता था कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ इस महत्वपूर्ण मैच के लिये बचा रखा था और भारतीयों के पास उनका कोई जवाब नहीं था. दूसरे हाफ में घाना ने शुरू से दबदबा बना दिया था और 52वें मिनट में अर्को मेनसाह का शाट जितेंद्र सिंह ने रोक दिया लेकिन गेंद फिर से घाना के डिफेंडर के पास चली गयी जिसने उसे एरिक की तरफ बढ़ाया. एरिक के करारे शाट के सामने धीरज के पास कोई मौका नहीं था.

धीरज ने हालांकि इसके दस मिनट बाद बेहतरीन बचाव किया. उस समय इब्राहिम सुले को केवल गोलकीपर को छकाना था लेकिन धीरज ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. जहां तक भारतीयों का सवाल था तो दूसरे हाफ में वे गेंद को अपने अधिकार में भी नहीं रख पाये और आक्रमण के लिहाज से तो वे पूरी तरह से पस्त दिख रहे थे. दर्शकों को आखिर में जोश में आने का क्षणिक मौका 83वें मिनट में मिला जब स्थानापन्न लालेगमवाइ को बाक्स के बाहर ढीली गेंद मिली लेकिन उनका शाट सीधे गोलकीपर इब्राहिम डैनलैड के पास चला गया. इसके बाद घाना ने जवाबी हमला किया और दो मिनट के अंदर दो गोल करके मैच को पूरी तरह से एकतरफा बना दिया.

एरिक की जगह उतरे स्थानापन्न रिकार्डो डान्सो ने आते ही प्रभाव छोड़ा और गैब्रियल लेवल के पास पर गोल ठोक दिया. एक अन्य स्थानापन्न खिलाड़ी इनानुअल टोकु ने इसके एक मिनट बाद खाली गोल में गेंद पहुंचाकर स्कोर 4-0 कर दिया.

भारतीय कोच लुई नोर्टन डि माटोस ने कोलंबिया के खिलाफ पिछले मैच में 1-2 से हारने वाली टीम में चार बदलाव किये. सेंटर बैक जितेंद्र सिंह को रक्षापंक्ति में अनवर अली का साथ देने के लिये नमित देशपांडे की जगह शुरूआती एकादश में रखा गया जो कोलंबिया के खिलाफ उतरकर भारत की तरफ से किसी भी आयु वर्ग में खेलने वाले पहले अनिवासी भारतीय बने थे. माटोस ने स्टार स्ट्राइकर अनिकेत जाधव को भी रहीम अली की जगह शुरूआती एकादश में रखा.

घाना के कोच सैमुअल फैबिन ने भी अपनी शुरूआती एकादश में चार बदलाव किये थे. उन्होंने विशेषकर अपनी अग्रिम पंक्ति में बदलाव किये थे.