फीफा वर्ल्ड कप में अभी ग्रुप स्टेज के मुकाबले खत्म भी नहीं हुए हैं, लेकिन यहां तक आते-आते इस टूर्नामेंट में अभी तक सबसे ज्यादा आत्मघाती गोल का रिकार्ड टूट चुका है. इस विश्व कप में अभी तक कुल आठ आत्मघाती गोल हो चुके हैं जो किसी भी फीफा वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा हैं. इन गोलों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अभी प्री-क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल बाकी हैं.


इससे पहले फ्रांस में 1998 में खेले विश्व कप में सबसे ज्यादा पांच आत्मघाती गोल हुए थे. इस विश्व कप का पहला आत्मघाती गोल दूसरे दिन आया था. जब ग्रुप-बी में मोरक्को और ईरान के बीच हुए मैच में मोरक्को के अजिज बोउहादोज ने अपने ही नेट में गेंद को डाल ईरान को जीत तोहेफ में दे दी थी. इस मैच में सिर्फ यही गोल हुआ था.


इसके बाद अगले दिन 16 जून को ग्रुप-सी में फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच में आस्ट्रेलिया के अजीज बेहिच ने आत्मघाती गोल कर फ्रांस को 2-1 से जीत दे दी थी. इसी दिन ग्रुप-डी में नाइजीरिया और क्रोएशिया के बीच खेले गए मैच में नाइजीरिया के ओगेनकारो इटेबो ने गोल कर क्रोएशिया को 1-0 से आगे करवा दिया था.


तीन दिन बाद ग्रुप-एच में पोलैंड और सेनेगल के बीच टूर्नामेंट का चौथा आत्मघाती गोल हुआ था जब पोलैंड के थियागो सियोनेक ने अपने ही नेट में गेंद डाल सेनेगल को गोल का तोहफा दिया था. इसी दिन एक और मैच में ग्रुप-ए में मिस्र के अहमद फतेही ने गेंद को गोल से दूर भेजने के प्रयास में गेंद को नेट में ही डाल दिया था और मेजबान रूस को फायदा पहुंचाया था.


अगल आत्मघाती गोल भी ग्रुप-ए के मैच में 25 जून को आया. रूस के डेनिस चेरिशेव ने 23वें मिनट में अपने ही पाले में गेंद डाल उरुग्वे को 2-0 से आगे कर दिया था. बुधवार को स्वीडन और मेक्सिको के बीच हुए ग्रुप-एफ के मैच में मेक्सिको के अल्वारेज ने 74वें मिनट में आत्घाती गोल कर स्वीडन के खाते में इस मैच में तीसरा गोल दागा.


वहीं बुधवार को ही ग्रुप-ई के मैच में स्विट्जरलैंड और कोस्टा रिका का मैच 2-2 से बराबर रहा. इस ड्रॉ का कारण भी आत्मघाती गोल था जो 93वें मिनट में हुआ. इस मिनट में कोस्टा रिका को पेनाल्टी मिली जो बार से टकरा कर वापस आ रही लेकिन तभी गेंद गोलकीपर सोमेर की पीठ से टकरा कर नेट में चली गई और कोस्टा रिका को गोल तथा ड्रॉ मिल गया.