नई दिल्ली: फीफा वर्ल्ड कप के अंतिम-16 दौर में डेनमार्क की टीम आज आस्ट्रेलिया के खिलाफ ग्रुप-सी मैच में मैदान पर उतरेगी. आस्ट्रेलिया और डेनमार्क के बीच ग्रुप-सी का यह मैच समारा एरीना में शाम 5.30 (भारतीय समयानुसार) से खेला जाएगा. अपने पहले मैच में पेरू को 1-0 से हराकर वर्ल्ड कप का विजयी आगाज करने वाली डेनमार्क की टीम ग्रुप स्तर में फ्रांस के बाद दूसरे स्थान पर है. फ्रांस और डेनमार्क के बराबर अंक हैं. डेनमार्क केवल गोल स्तर के कारण पीछे है.
ऐसे में अगर डेनमार्क की टीम आस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब होती है, तो वह अंतिम-16 दौर में अपना स्थान पक्का लेगी. हर ग्रुप में शीर्ष दो पर कायम रहने वाली टीमें नॉकआउट में प्रवेश करती है.
1998 में था सबसे बेहतरीन प्रदर्शन
डेनमार्क की टीम ने अब तक केवल तीन बार अंतिम-16 दौर में प्रवेश किया है. उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 में रहा, जब उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था. आस्ट्रेलिया पर जीत हासिल कर वह चौथी बार अंतिम-16 में कदम रखेगी.
पिछले मैच में डेनमार्क के डिफेंस ने अच्छा काम किया था. उसने पेरू को एक भी गोल दागने नहीं दिया. इसमें टीम के गोलकीपर कैस्पर इश्माइकल ने अहम भूमिका निभाई थी और अपने अगले मैच में भी उसका डिफेंस इसी फॉर्म में नजर आएगा.
ऑस्ट्रेलिया को सुधारना होगा अपना डिफेंस
ऐसे में आस्ट्रेलिया के लिए डेनमार्क के गोल पोस्ट तक पहुंचना उसी तरह मुश्किल होगा, जिस तरह पेरू के लिए रहा. आस्ट्रेलिया को अपने पहले मैच में फ्रांस से 2-1 से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में उसका डिफेंस कमजोर नजर आ रहा था.
सॉकरोज के नाम से प्रसिद्ध आस्ट्रेलिया का डिफेंस अगर ऐसे ही रहा, तो अगले मैच में डेनमार्क उस पर हावी हो जाएगा. ऐसे में ग्रुप स्तर पर तीसरे स्थान पर काबिज आस्ट्रेलिया को अगर अंतिम-16 दौर में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखनी है, तो उसे डेनमार्क के डिफेंस को भेद कर गोल स्कोर करने की रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा.
इस मैच में अगर आस्ट्रेलिया जीत हासिल करती है, तो उसके खाते में तीन अंक हो जाएंगे और वह भी डेनमार्क और फ्रांस की बराबरी पर आ जाएगी. इस मैच में कप्तान मिले जेडिनाक के अलावा अन्य खिलाड़ियों को भी अपने खेल में और भी तेजी लानी होगी.
फ्रांस के खिलाफ अपने पिछले मैच से आस्ट्रेलिया काफी सबक सीखते हुए अगले मैच के लिए तैयारियों में सुधार कर सकती है. उसे डेनमार्क खामियों में अपने गोल के अवसरों को तलाश कर उन्हें भुनाना होगा, क्योंकि अंकों के साथ-साथ गोल का अंतर भी मायने रखता है.
टीमें :
डेनमार्क :
गोलकीपर- कैस्पर श्माइकल, जोनास लोस्सल, फेडेरिक रोनबो
डिफेंडर- सिमोन काएर, आंद्रेस क्रिस्टेनसन, माथियास जोर्गेनसन, जानिक वेस्टरगार्ड, हेनरिक डाल्सगार्ड, जेंस स्ट्रेगर लार्सेन, जोनास नु़डसेन
मिडफील्डर : विलियम क्विस्ट, थोमस डेलाने, लुकास लेरागर, लासे शोने, क्रिस्टियन एरिकसन, मिशेल क्रोन-डेली
स्ट्राइकर : पियोने सिस्टो, मार्टिन ब्राथवैट, आंद्रेस कोर्निलियुस, विक्टर फिश्चेर, युसुफ पोल्सन, निकोलाई जोर्गेनसन, कास्पर डोलबर्ग.
आस्ट्रेलिया :
गोलकीपर : ब्राड जोन्स, मैथ्यू रेयान, मिशेल लेंगराक, डेनी वुकोविक
फारवर्ड : डेनियल अरजानी, टिम काहिल, एपोस्टोलोस गियानोउ, टोमी जुरिक, मैथ्यू लेकी, जेमी मेक्लेरन, एंड्रयू नबाउट, डिमी पेट्राटोस, निकिता रुकावेत्साया
मिडफील्डर : जोशुआ ब्रिलियांते, जेक्सन इर्विने, मिले जेडिनाक, रोबी क्रुसे, मासिमो लुओंगो, मार्क मिलिगान, एरॉन मूये, जेम्स ट्रोइसी
डिफेंडर : अजीज बेहिक, मिलोस डेगनेक, एलेक्स गेर्सबाक, मैथ्यू जुर्मान, फ्रान कराकिक, जेम्स मेरेडिथ, जोश रिडसन, ट्रेंट सेंसबरी, अलेंक्जेंडर सुसनजार और बेली राइट.