नई दिल्ली: रूस की धरती पर फुटबाल के महाकुंभ फीफा वर्ल्ड कप 2018 के शुरुआत होने में अब बस कुछ घंटों का वक्त बाकी है. हर वर्ल्ड कप की तरह इस बार भी खिलाड़ियों की नज़रें कई पुरानों रिकॉर्ड्स को तोड़कर इतिहास को अपने नाम करने पर होगी.

इन खिलाड़ियों में सबसे आगे विश्व विजेता जर्मनी के स्टार थामस मुलरहोंगे. मुलरके पास तीन वर्ल्ड कप में पांच या इससे अधिक गोल करने वाला पहला खिलाड़ी बनने का मौका है. मुलरके अलावा जर्मनी के हमवतन मिरोस्लाव क्लोसे और पेरू के तियोफिलो कुबिलास ही एक से अधिक वर्ल्ड कप में पांच या इससे अधिक गोल कर पाए हैं. क्लोसे 16 गोल के साथ वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं और मुलर उनसे छह गोल पीछे हैं.

वहीं मिस्र के गोलकीपर और कप्तान एसाम अल हदारी अगर रूस में वर्ल्ड कप मुकाबले के लिए उतरते हैं तो वह विश्व कप में खेलने वाले सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी बन जाएंगे. हदारी की उम्र 45 साल और पांच महीने है जबकि पिछला रिकार्ड ब्राजील 2014 में कोलंबिया के फेरिड मोंड्रेगन ने बनाया था जो 43 साल और तीन दिन की उम्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने उतरे थे.

राफा मार्कवेज मौजूदा टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं और वह भी अपना नाम इतिहास में दर्ज कराने के करीब हैं. मार्कवेज को अगर रूस में खेलने का मौका मिलता है तो वह पांच वर्ल्ड कप में खेलने वाले दुनिया के सिर्फ तीसरे और मैक्सिको के दूसरे खिलाड़ी बन जाएंगे. अब तक मैक्सिको के एंटोनियो कर्बाजल और जर्मनी के लोथार मथाउस ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं. इटली के जियानलुइगी बुफोन भी पांच वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा थे लेकिन फ्रांस में 1998 में हुए विश्व कप में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था.

मार्कवेज की नजरें एक और रिकार्ड पर होगी और इस रिकार्ड के लिए उनके साथ पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और आस्ट्रेलिया के टिम काहिल भी दावेदार होंगे. ये तीनों अगर रूस 2018 में गोल करते हैं तो चार विश्व कप में गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो जाएंगे. इससे पहले जर्मनी के युवे सीलर और क्लोस तथा ब्राजील के पेले ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं.

अब तक मारियो जगालो और फ्रेंज बैकेनबायर ही खिलाड़ी और कोच दोनों के रूप में विश्व कप जीतने में सफल रहे हैं लेकिन अगर फ्रांस रूस में खिताब जीतने में सफल रहा तो दिदिएर डेस्चैंप्स का नाम भी इस सूची में शामिल हो जाएगा. डेस्चैंप्स की अगुआई में 1998 में फ्रांस ने अपनी सरजमीं पर खिताब जीता था.