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'FLASHBACK' में देखिए बर्थडे ब्वॉय धोनी की ज़िंदगी के 36 साल
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान और विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं. वो 36 साल के हो चुके हैं. वर्ल्ड क्रिकेट को बहुत बड़ा योगदान देने वाले धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफियों पर कब्ज़ा जमाया हो. साथ ही वो अब भी भारतीय टीम के लिए बतौर विकेटकीपर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं.
आइये आज धोनी के जन्मदिन के खास मौके पर उनकी ज़िंदगी को फ्लेशबैक के जरिये एक बार फिर से पढ़ें:
जन्म 1981: मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले नन्हे माही का जन्म पान सिंह और देवकी देवी के घर अल्मोड़ा में हुआ. जिसके बाद नौकरी के चलते पिता को परिवार के साथ उत्तराखंड से रांची आ बसना पड़ा. धोनी के अलावा उनके परिवार में उनके एक भाई नरेंद्र और एक बहन जयंती भी हैं.
रांची के आने के बाद धोनी ने क्रिकेट में अपनी रूची दिखाई और वो वीनू मांकड़ ट्रॉफी से होते हुए कूच बिहार ट्रॉफी में खेले और टीम इंडिया में पहुंचने का अपना रास्ता तैयार किया. इस बीच ही धोनी का वर्ल्ड फेमस हेलीकॉप्टर शॉट भी इजाद हुआ. धोनी ने टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेकर इस शॉट को सीखा. जो बाद में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी पहचान बना.
वनडे डेब्यू 2004: साल 2004 में पहली बार बांग्लादेश के खिलाफ धोनी को टीम इंडिया की ब्लू जर्सी पहनने का मौका मिला. लेकिन वो बिना खाता खोले शून्य के स्कोर पर रन-आउट होकर वापस लौट गए. लेकिन बतौर विकेटकीपर धोनी को टीम में मौका मिलता गया और साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज़ में धोनी ने अपने करियर का पहला शतक लगाकर विरोधी टीम को पस्त कर दिया. जिसके बाद उनकी एक अलग पहचान बन गई.
टेस्ट डेब्यू 2005: वनडे की कामयाबी को देखते हुए धोनी को साल के अंत तक टेस्ट टीम में भी बतौर विकेटकीपर चुन लिया गया. श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में धोनी के बल्ले का असली रंग नहीं दिखा लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में उनकी 148 रनों की शानदार पारी ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी एक अलग पहचान दिला दी.
भारतीय कप्तान और टी20 चैम्पियन 2007: टीम इंडिया में चुने जाने के 3 साल के अंदर ही धोनी को भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मिली. उन्हें वनडे टीम का उप-कप्तान और टी20 टीम का कप्तान बना दिया गया. विश्वकप 2007 की हार से भारतीय क्रिकेट में खलबली के बीच धोनी के नेतृत्व भारतीय टीम टी20 विश्वकप खेलने पहुंची. इसके बाद सबसे बड़ा चमत्कार तब हुआ जब धोनी की कप्तानी में पहली बार ही भारतीय टीम विश्व विजेता बनने में कामयाब हो गई.
धोनी के फैसलों पर फैंस को भरोसा होने लगा और तूफानी बल्लेबाज़ी का माहिर ये बल्लेबाज़ अब फैंस के दिलों पर राज़ करने लगा.
शादी 2010: वनडे और टी20 के बाद साल 2008 में धोनी को टेस्ट की कप्तानी भी सौंपी गई. वो विश्व क्रिकेट में भारतीय टीम को एक नई दिशा देने में लगे थे. इसी बीच साल 2010 में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ धोनी की शादी की खबर सामने आई. 4 जुलाई 2010 को धोनी-साक्षी के साथ शादी के बंधन में बंध गए.
विश्वकप 2011: 28 सालों के सूखे को खत्म करते हुए धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने साल 2011 में क्रिकेट विश्वकप को जीतकर इतिहास रच दिया. भारत में खेले जा रहे विश्वकप में पूरे देश को जीत की उम्मीद थी. साथ ही धोनी समेत पूरी भारतीय टीम भी अपने लिजेंड सचिन तेंदुलकर को विश्वकप का तोहफा देकर विदा करना चाहती थी. टीम ने ऐसा ही किया और विश्व विजेता बनकर वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बना ली.
चैम्पियंस ट्रॉफी 2013:साल 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी इकलौता वो खिताब था जो धोनी से अछूता था. लेकिन शायद ही क्रिकेट की ज़मीं पर कोई ऐसी चीज़ रही हो जिसे धोनी ने चाहा और हासिल ना किया हो. इंग्लैंड में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी को भी धोनी ने जीता और आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले वर्ल्ड क्रिकेट के इकलौते कप्तान बने.
टेस्ट से संन्यास 2014: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक के बाद एक हार से निराश धोनी ने अचानक एक ऐसा फैसला ले लिया जिसकी उम्मीद खुद क्रिकेट जगत को भी नहीं थी. 30 दिसम्बर 2014 के दिन धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट की समाप्ती के साथ ही प्रेस कॉंफ्रेंस में आकर टेस्ट क्रिकेट छोड़ने की खबर दे डाली. इस खबर से भारतीय क्रिकेट में मानो भूचाल आ गया. अभी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 टेस्ट बाकी थे और साल खत्म होने के साथ ही धोनी का करियर भी खत्म हो गया.
जिसके बाद आनन-फानन में विराट कोहली को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान नियुक्त गया गया.
पिता 2015: ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट विश्वकप 2015 में देश का नेतृत्व करते वक्त ही धोनी, नन्ही परी ज़ीवा के पिता बने. इस नाज़ुक लम्हें में भी वो टीम के साथ रहे और अपनी बेटी का चेहरा विश्वकप खत्म होने के बाद ही देखा. इस विश्वकप में धोनी की अगुवाई वाली टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई और अपना खिताब बचाने में नाकामयाब रही.
भारतीय क्रिकेट का आज 2017: धोनी ने एक बार फिर साल 2017 की शुरूआत में ही वनडे और टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया. धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ के बाद कप्तानी छोड़ दी लेकिन वो बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ टीम के साथ बने हुए हैं. धोनी के बाद टीम कप्तानी विराट कोहली संभाल रहे हैं.
मौजूदा समय में भी धोनी अपनी बल्लेबाज़ी शैली, विकेटकीपिंग में चपलता और चालाकी के लिए मैदान पर जाने जाते हैं.
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