FIFA WC 2022: मोरक्को जिसने दुनिया को स्तब्ध करते हुए सेमीफाइनल में बनाई जगह, जानिए उसकी सफलता की कहानी
मोरक्को की टीम फीफा वर्ल्ड कप 2022 में अब तक अजेय है. इस दौरान उसने कई खिताब की प्रबल दावेदार टीमों को धूल चटाई. 15 दिसंबर को विश्व कप सेमीफाइनल में मोरक्को को सामना गत चैंपियन फ्रांस से होगा.
Success Story Of Morocco Football Team, FIFA World Cup 2022: : कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप में मोरक्को की टीम हैरतअंगेज प्रदर्शन करने में सफल रही है. उसने जिस तरह से दुनिया को स्तब्ध करते हुए फीफा वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जगह बनाई, वो वाकई काबिले तारीफ है. दुनिया के किसी भी फुटबॉल विशेषज्ञ ने यह नहीं कहा होगा कि मोरक्को सेमीफाइनल में पहुंचेगा. वह अफ्रीका की पहली टीम है जिसने विश्व कप के सेमीफाइनल में दस्तक दी है. इससे पहले अफ्रीका की कोई भी टीम फीफा वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं जा पाई. मोरक्को में जिस तरह से बीते कुछ समय से फुटबॉल फला-फूला उसमें खिलाड़ियों की जी तोड़ मेहनत के अलावा किंग मोहम्मद का भी खासा योगदान है.
एक भी मैच नहीं हारा मोरक्को
मोरोक्को थर्ड नेशन्स से आता है. फीफा वर्ल्ड कप 2022 में उसने उन दिग्गज टीमों को पटखनी दी जिन्हें खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. मोरक्को विश्व कप 2022 में अभी तक अजेय है. उसने 23 नवंबर को ग्रुप स्टेज में क्रोएशिया के खिलाफ ड्रॉ मुकाबला खेला था. उसके बाद बेल्जियम जैसी धाकड़ टीम को 2-0 से, कनाडा को 2-1 से, स्पेन को पेनल्टी शूट आउट में 3-0 से और क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को 1-0 से शिकस्त दी. कुल मिलाकर पिछले पांच विश्व कप मुकाबलों में मोरक्को ने 4 जीते और 1 ड्रॉ खेला. इससे पता चलता है कि टीम निरंतरता जबदस्त रही. इसी कॉन्टिनिवटी के चलते उनसे दिग्गज टीमों को पछाड़ने में सफलता हासिल की.
किंग मोहम्मद का योगदान
मोरक्को में फुटबॉल का क्रेज हमेशा रहा. .लेकिन साल 1998 के बाद से वहां फुटबॉल में क्रांति आई. दरअसल किंग मोहम्मद VI 1999 में सत्ता में काबिज हुए. उन्होंने देश में फुटबॉल एकेडमी के निर्माण के लिए जमकर वित्तीय मदद की. जिसका नतीजा यह हुआ कि मोरक्को में कई सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभरकर सामने आए. यह खिलाड़ी मोरक्को की प्रोफेशनल लीग बाटोला और विदेशी लीग में धमाल मचा रहे हैं. अफ्रीका चैपियंस लीग मे मोरक्को के क्लबों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. पहले अफ्रीका चैंपियंस लीग में, मिस्र, ट्यूनीशिया और नाइजीरिया के क्लबों का दबदबा रहता था. लेकिन अब उन्हें मोरक्को के क्लब टक्कर दे रहे हैं.
नए कोच का कमाल
मोरक्को के कोच वालिद रेगरागुई ने कुछ ही महीनों में टीम की किस्मत बदल दी. वैसे मोरक्को के अधिकतर लोग फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड्स जैसे देशों में रहते हैं. लेकिन जब फुटबॉल खेलने की बात आती है तो वे मोरक्को की तरफ से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. टीम के स्टार खिलाड़ी हाकिम जिएच, सोफियान बाउफल, अशरफ हकीमी और यासिन बोनो या तो विदेश में पैदा हुए या विदेशी लीग में खेलते हैं. लेकिन फीफा वर्ल्ड कप के दौरान यह सभी खिलाड़ी संगठित होकर सिर्फ मोरक्को के लिए खेल रहे है. लेकिन बीते कुछ महीनों से मोरक्को की टीम में जो चिंगारी देखने को मिली है उसका श्रेय नए कोच वालिद रेगरगुई को जाता है.
यह भी पढ़ें: