FIFA WC Final 2022: नंबर 10 को मिलती है परफेक्ट विदाई, सचिन तेंदुलकर के बाद लियोनेल मेसी का सपना हुआ सच
Fifa World Cup Final: मेसी ने फुटबॉल करियर के दौरान 10 नंबर की जर्सी पहनी है. सचिन तेंदुलकर ने भी क्रिेकेट करियर के दौरान 10 नंबर की जर्सी पहनी थी. दोनों को परफेक्ट विदाई मिली.
Jersey Number 10 Perfect Farewell: खेल की दुनिया में पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि जर्सी नंबर 10 पहनने वाले खिलाड़ी को परफेक्ट विदाई मिली है. यह अपवाद भी हो सकता है. लेकिन क्रिकेट और फुटबॉल में ऐसा देखने को मिला है. अर्जेंटीना के कप्तान लियोनेल मेसी ने अपने फुटबॉल करियर के दौरान 10 नंबर की जर्सी पहनी है. 18 दिसंबर को कतर के लुसैल स्टेडियम में फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने 10 नंबर की जर्सी में ही विश्व कप जीता. वहीं क्रिकेट की दुनिया में अगर देखा जाए तो सचिन तेंदुलकर ने भी अपने करियर के दौरान 10 नंबर की जर्सी पहनीं थी. वह भी क्रिकेट वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे.
सचिन-मेसी में समानता
सचिन तेंदुलकर साल 2011 में अपना अंतिम क्रिकेट वर्ल्ड कप खेल रहे थे. उस दौरान टीम इंडिया विश्व विजेता बनने में सफल रही. वहीं लियोनेल मेसी का यह आखिरी फीफा वर्ल्ड कप था. उन्होंने विश्व कप की शुरुआत में ही कहा था कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप है. जिस तरह 2011 में पूरी भारतीय क्रिकेट टीम देश के लिए नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी. उसी तरह अर्जेंटीना के सभी खिलाड़ी मेसी के लिए विश्व कप जीतना चाहते थे. जर्सी नंबर 10 पहनने वाले सचिन का यह सपना साल 2011 में पूरा हुआ. वहीं लियोनेल मेसी का 2022 में सपना साकार हुआ.
खुद नायक बने मेसी
अर्जेंटीना को खिताब जिताने में लियोनेल मेसी ने बेहतरीन भूमिका निभाई. वह खिताबी मुकाबले में अपनी टीम के लिए नायक साबित हुए. उन्होंने फाइनल में 2 गोल दागे. सबसे पहले 23वें मिनट में गोल करके उन्होंने टीम को बढ़त दिलाई. इस दौरान डी. मारिया ने 36वें मिनट में गोल कर बढ़त मजबूत की. फिर एक्स्ट्रा टाइम मिलाकर 108वें मिनट में मेसी दूसरा और मैच का तीसरा गोल दागा. हालांकि फ्रांस के किलियन एमबाप्पे ने अकेले दम संर्घष किया और उन्होंने 3 गोल किए. मैच पेनल्टी शूट आउट में पहुंचा. जर्सी नंबर 10 मेसी ने फिर गोल दागा. हालांकि पेनल्टी शूट आउट में अर्जेंटीना विपक्षी फ्रांस पर भारी पड़ा. इस तरह मेसी ने अर्जेंटीना को तीसरी बार खिताब जिता दिया.
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