Fifa World Cup फाइनल से 3 हजार किमी दूर एक और खिताबी मुकाबला, टूर्नामेंट का मकसद था सामाजिक बुराइयों पर प्रहार
Fifa wc final 2022: फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया. वहीं कतर से 3 हजार किमी दूर भारत के झारखंड में एक और फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल खेला गया.
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The Matra Shakti Football Tournament: अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच 18 दिसंबर को फीफा वर्ल्ड कप 2022 का फाइनल मुकाबला खेला गया. इस खिताबी मैच में अर्जेंटीना ने पेनल्टी शुट आउट में फ्रांस को 4-2 से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया. यह एक ऐसा फाइनल था जहां इमोशन्स भी दिखाई दिए. किसी की आंखों खुशी के आंसू थे तो किसी को खिताब न जीत पाने का गम. इसी दिन यानी रविवार (18 दिसंबर) को कतर से 3000 किमी दूर भारत के राज्य झारखंड में एक और फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल खेला गया. इस टूर्नामेंट का मकसद सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करना था. टूर्नामेंट में शादी-शुदा महिलाओं के अलावा जो मां बन चुकी हैं उन्होंने भाग लिया.
झारखंड में खेला गया टूर्नामेंट
रांची के मैदान पर किसान सुक्कू मुंडा मुंडारी भाषा में गोल पोस्ट के पीछे से चिल्लाए, इसे सामने से हिट करो. मुंडा रविवार को दोपहर बाद फुटबॉल मैच में अपनी टीम का फाइनल में समर्थन कर रहे थे. उनकी टीम ने खिताबी मुकाबला 3-0 से जीता. खास बात यह थी कि इस फाइनल मुकाबले में खूंटी जिले के चट्टासुदाग गांव की माताओं की टीम में सुक्कू मुंडा की पत्नी सुनीता मुंडा भी शामिल थीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में मातृ शक्ति फुटबॉल टूर्नामेंट में खूंटी जिले के 23 गांव की 32 महिला टीमों ने भाग लिया. इन टीमों में विवाहित महिलाएं और माताएं शामिल थीं.
टूर्नामेंट का मकसद था कुरीतियों पर प्रहार
सुनीता मुंडा की टीम फाइनल में रांची जिले के नामकुम गांव के खिलाफ खेल रही थी. जो फाइनल जीतने में सफल रही. इस टूर्नामेंट का मकसद सामाजिक कुरीतियों जैसे बाल विवाह, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा समेत जादू-टोना पर प्रहार करना था. इन कुरीतियों ने समाज पर बुरा असर डाला है. झारखंड स्थिति सामाजिक उद्यम प्रतिज्ञा के को-फाउंडर चंदन सिंह के मुताबिक, उन्होंने टीमों का गठन करके सामाजिक बुराई को शामिल किया. जिसने समाज को इतने दिनों से पीड़ित किया और मैदान पर लड़ाई लड़ी. सिंह के मुताबिक, खेलों में किशोर लड़कियों की तादाद में काफी गिरावट आई है जिसके कई कारण हैं. उन्होंने आगे कहा, टूर्नामेंट में भाग लेने वाली मताएं खासकर अपनी लड़कियों को खेल गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोतसाहित करेंगी. यह विचार बच्चों की शिक्षा में बदलाव लाने का है जिसमें खेल अहम भूमिका निभाते हैं.
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