नई दिल्ली: दमदार फिटनेस और बेहतरीन प्रतिभा के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली अपनी आक्रामकता के लिए भी पहचाने जाते हैं. उनके इसी रवैये ने कई बार भारत को हारी हुई बाज़ी भी जिताई है. कोहली की गिनती कभी न हार मानने वाले खिलाड़ियों में होती है. उन्होंने कई बार इसे साबित भी किया है. पूर्व भारतीय चीफ सेलेक्टर कृष्णम्माचारी श्रीकांत भी यही मानते हैं. स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में श्रीकांत ने विराट कोहली और पूर्व कप्तान कपिल देव में समानता बताई है.


कोहली और कपिल का दृष्टिकोण एक जैसा- श्रीकांत

श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में कहा, 'विराट कोहली और कपिल का दृष्टिकोण एक जैसा है. यह दोनों ही कप्तान पहले जीत के बारे में सोचते हैं. मैदान पर इन दोनों का रवैया बेहद सकारात्मक और आक्रामक रहता है.'

इस शो में श्रीकांत के साथ 1983 विश्व कप में भारतीय टीम के सदस्य रहे लक्ष्मण शिवरामकृष्णन भी मौजूद थे. शो में इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि कैसे 1983 विश्व कप की जीत ने पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया और भारत को विश्वस्तर पर एक अलग पहचान दिलाई.

श्रीकांत ने कहा, 'उस वक्त सब कह रहे थे कि हमारी जीत का अंतर एक हजार में एक था. लेकिन उस जीत के पीछे सबसे अहम व्यक्ति कपिल देव ही थे. खिलाड़ियों को उस जीत के बाद से काफी आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण मिला है.'

भारतीय टीम ने 1983 विश्व कप के बाद 2003 विश्व कप के फाइनल में भी जगह बनाई थी, लेकिन इस बार टीम को ऑस्ट्रेलिया के हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे.

गांगुली ने ही विदेशों में जीतना शुरू किया- गावस्कर

गांगुली को लेकर श्रीकांत ने कहा कि वह (गांगुली) एक पॉजिटिव सोच वाले खिलाड़ी थे. उनमें टीम को बनाने की काबिलियत थी. जैसे 1976 में क्लाइव लॉयड ने वेस्टइंडीज़ टीम का संयोजन किया था, ठीक उसी तरह 2000 में गांगुली ने टीम का संयोजन किया था. गांगुली ने सही खिलाड़ियों का चयन किया और फिर उन्हें प्रेरित किया. गांगुली ने ही विदेशों में जीतना शुरू किया. वह बेहद सफल कप्तान थे. वह एक बॉर्न लीडर थे.

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