मुंबई: गुंडप्पा विश्वनाथ को भारत के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है. अपनी कलात्मक बल्लेबाजी के लिए मशहूर इस बल्लेबाज की तकनीक का हर कोई कायल हुआ करता था, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ एक खराब सीरीज के बाद इस बल्लेबाज को टीम से बाहर कर दिया गया. विश्वनाथ ने कहा है कि कपिल देव ने उस समय उनसे कहा था कि 'चयनकर्ता अब शायद तुम्हें नहीं चुनेंगे.'

विश्वनाथ ने स्टार स्पोटर्स कन्नड के एक शो पर कहा, "जब मुझे टीम से बाहर कर दिया गया तो मैं काफी निराश था. उस समय, मैंने तीन पारियों में गलत फैसले लिए थे. यह खेल का हिस्सा है, लेकिन ऐसी स्थिति में दो पारियों में अगर मैं स्कोर कर देता तो वह मुझे टीम से बाहर नहीं करते. जब मुझे टीम से बाहर किया गया, तब तक कपिल को कप्तान नियुक्त नहीं किया गया था, लेकिन सबको इसके बारे में पता था कि वह ही कप्तान बनने वाले हैं. उन्होंने मुझसे कहा था कि 'मुझे लगता है कि वो लोग तुम्हें अब टीम में नहीं चुनेंगे.

डेब्यू टेस्ट में विश्वनाथ ने लगाया था शतक

कानपुर में 1969 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच मैं शतक जमाने वाले विश्वनाथ ने अपने करियर में कुल 14 शतक बनाए. 1982-83 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई छह मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद विश्वनाथ का करियर खत्म हो गया. इस सीरीज में भारत को हार मिली थी.

घरेलू क्रिकेट से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अपने सफर पर विश्वनाथ ने कहा, "इसके लिए इरापल्ली प्रसन्ना का शुक्रिया, जिन्होंने मुझे राज्य के लिए खेलने में मदद की. मंसूर अली खान पटौदी उस समय हैदराबाद में रणजी ट्रॉफी खेल रहे थे. कर्नाटक टीम का हिस्सा होने के नाते हमें उनके खिलाफ खेलना था. पटौदी ने मुझे वहां करीब से देखा. 1968 में न्यूजीलैंड की टीम आई थी और अध्यक्ष एकादश के खिलाफ उसे मैच में खेलना था. मुझे टीम में चुना गया. चंदू बोर्डे कप्तान थे. हमारी अच्छी साझेदारी रही थी. बोर्डे ने पटौदी से मेरी सिफारिश की और इस तरह मैं अपनी उम्मीदों से पहले ही सामने आ गया."

विश्वनाथ को अपने स्कावयर कट और फ्लिक के लिए जाना जाता था, उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक गेंद पर पांच तरह के शॉट खेला करते थे.

ऐसा रहा था विश्वनाथ का करियर 

1969 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले गुंडप्पा विश्वनाथ ने भारत के लिए 91 टेस्ट खेले. इस दौरान विश्वनाथ के बल्ले से 6,080 रन निकले. टेस्ट में विश्वनाथ के नाम 14 शतक और 35 अर्धशतक हैं. वहीं फर्स्ट क्लास करियर में उनके नाम 17,970 रन हैं, जिसमें 44 शतक और 89 अर्धशतक शामिल हैं.

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