2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत ने जो नुकसान उठाया था, वह अभी भी सवा सौ करोड़ लोगों के देश में सभी को परेशान कर रहा है. इसे अक्सर 'खराब क्रिकेट का सिर्फ 45 मिनट' कहा जाता है. लेकिन क्या यह सिर्फ 45 मिनट का था? चयन पैनल और टीम प्रबंधन सभी की आलोचना की गई. जिसमें मध्यक्रम को मजबूत नहीं किया गया तो वहीं नंबर 4 का कंफ्यूजन टीम को अक्सर सताता रहा. टूर्नामेंट के आखिरी गेम तक, किसी को नहीं पता था कि 7-8 से अलग चेहरों में से कौन खेलेगा.


अनुभवी बल्लेबाज अंबाती रायडू जिन्हें वर्ल्ड कप में नंबर 4 पर खेलने के लिए तैयार किया गया था उन्हें अंत में टीम में ही नहीं चुना गया. युवा और अनुभवहीन ऑलराउंडर विजय शंकर को उनकी जगह टीम में लाया गया था.


गगन खोड़ा, उस चयन पैनल का एक हिस्सा थे जिन्होंने आखिरकार ये खुलासा किया है कि रायडू को क्यों नहीं चुना गया था. स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत में, पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि दाएं हाथ के बल्लेबाज आईसीसी इवेंट के लिए पर्याप्त आश्वस्त नहीं थे और वह उस दौरान अपने सर्वश्रेष्ठ में नहीं थे.


खोड़ा ने कहा कि, “अंबाती रायडू अनुभवी थे और आप विश्व कप देख रहे थे. हमने एक साल तक उनके साथ काम किया लेकिन हमें लगा कि वह स्थिर हो रहे हैं. विश्व कप में जाने वाला आत्मविश्वास का स्तर नहीं था उनका. हमें कोई नौजवान नहीं मिला क्योंकि टूर्नामेंट इंग्लैंड में भी था.''


क्रिकेट बिरादरी ने अपनी राय दी कि संतुलन की कमी ने भारत को खिताब नहीं दिलाया है और एक अनुभवी मध्यक्रम के साथ, चीजें अलग हो सकती थीं.


हैदराबाद के बल्लेबाज ने टीम की घोषणा के ठीक बाद चयन पैनल की आलोचना की. बाद में, उन्होंने कुछ महीने बाद ही अपने फैसलों को पलटने के लिए क्रिकेट से संन्यास ले लिया. हालांकि, अंत में श्रेयस अय्यर ने उस जगह को अपने नाम पर पक्का कर लिया.