भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन में कल से शुरू होने वाले सीरीज के चौथे और निर्णायक मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टीम पेन अपने ऊपर किसी भी तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव हावी नहीं होने देना चाहते. यही वजह है की उन्होंने कहा कि उनकी कप्तानी को लेकर भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर की राय से वो थोड़ा भी चिंतित नहीं हैं. सिडनी टेस्ट के अंतिम दिन के खेल के दौरान पेन ने भारतीय बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन पर छींटाकशी की थी जिसके बाद गावस्कर ने कहा था कि राष्ट्रीय टीम के कप्तान को यह शोभा नहीं देता और बतौर कप्तान पेन के अब गिनती के ही दिन बचे हैं. पेन ने अपने आचरण के लिये सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी.


इत्मीनान से खेलना चाहता हुं क्रिके

अपने लिए दी गयी सुनील गावस्कर की राय पर पेन ने कहा,‘‘ उन्होंने क्या कहा मैं इसमें पड़ना नहीं चाहता. मेरा उनके साथ किसी भी तरह की बहस में उलझने का कोई इरादा नहीं है. वह अपनी राय रखने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र हैं लेकिन मुझ पर इसका रत्ती भर भी असर नहीं पड़ता.’’ उन्होंने कहा,‘‘ अपने पूरे कैरियर के दौरान मैं ज़्यादातर इत्मीनान से ही क्रिकेट खेलने का आदि रहा हूं. और मैं ऐसे ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाता हूं.’’



आवेग में कर दी थी अश्विन पर छींटाकशी


रविचंद्रन अश्विन पर छींटाकशी की बात पर उन्होंने कहा,‘‘मैंने आवेग में ऐसा कर दिया. जो किसी भी तरह से सही नहीं था. मैने दर्शकों की तरफ देखा और मुझे महसूस हुआ कि मैं टेस्ट मैच में टीम की कप्तानी कर रहा हूं. मैने हमेशा इसका सपना देखा था. ब्रिसबेन में होने वाले मुकाबले में, मैं काफी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलूंगा और जीतने के इरादे से ही खेलूंगा.’’ यह पूछने पर कि क्या वह छींटाकशी जारी रखेंगे, पेन ने कहा,‘‘ मैं स्वाभाविक खेल दिखाऊंगा. मैं हमेशा शांतचित्त होकर खेलता आया हूं. उस दिन थोड़ा भटक गया था. थोड़ा बहुत हंसी मजाक चलता है लेकिन मैं जानता हुं हमें खेल की मर्यादा का भी ध्यान रखना चाहिए और अंपायरों, अधिकारियों और दूसरी टीम के खिलाड़ियों के प्रति पूरा सम्मान दिखाना चाहिए."


यह भी पढ़े 


सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी: मोहम्मद अजहरुद्दीन ने लगाया 37 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक, सहवाग हुए मुरीद


भारत में अब इलेक्ट्रिक कारों का होगा दौर, इनकम टैक्स में मिलेगी रियायतें, GST में भी छूट