सिडनी: वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल ने ऑस्ट्रेलिया में फेयरफैक्स मीडिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा जीत लिया है. सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में सर्वोच्च न्यायालय ने मीडिया कंपनी की ओर से छापी गई खबर को अप्रमाणित पाते हुए अपना फैसला सुनाया.

मीडिया कंपनी ने गेल पर आरोप लगाए थे कि 2015 विश्व कप के दौरान गेल ने मसाज करने वाली एक महिला के सामने कपड़े उतार दिए थे. उल्लेखनीय है कि 2015 में विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने संयुक्त रूप से किया था.

फेयरफैक्स नाम के मीडिया ग्रुप ने एक रिपोर्ट प्रकाशित कर इस तरह के आरोप लगाए थे. इसके बाद गेल ने ऑस्ट्रेलिया के इस मीडिया समूह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. गेल को इसी मुकदमे में जीत मिली है.

वेस्टइंडीज टीम की महिला थैरेपिस्ट ने गेल पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया था. महिला ने बीते हफ्ते अदालत में कहा था कि साल 2015 क्रिकेट विश्व के दौरान क्रिस गेल ने उसके सामने अपना तौलिया खोल दिया था और नग्न हो गए थे, जिस पर वह फूट फूटकर रोई थी.

इस मामले को लेकर फेयरफैक्स मीडिया ने खबरें भी छापीं थी. फेयरफैक्स मीडिया समूह से संबद्ध द सिडनी मार्निग हेराल्ड, द ऐज और द कैनबरा टाइम्स ने इस मामले में खबरें प्रकाशित की थीं.

गेल और उनकी टीम के साथी खिलाड़ी ड्वेन स्मिथ ने इस घटना से साफ तौर पर इनकार किया था.

न्यायालय ने इस मामले में गेल के पक्ष में फैसला सुनाया. इस मामले की जूरी के चार सदस्यों में तीन महिलाएं थीं और इन्होंने पाया कि मीडिया कंपनी अपनी रिपोर्ट के पक्ष में सबूत नहीं दे सकी.

द सिडनी मोर्निग हेराल्ड ने बताया कि फैसले के बाद गेल ने कहा, "मैं जमैका से यहां अपने आप का बचाव करने और अपने व्यक्तित्व का बचाव करने आया था. अंत में मैं इस फैसले से बहुत, बहुत खुश हूं. मेरी चिंता धन को लेकर नहीं अपने चरित्र को लेकर थी."

फेयरफैक्स मीडिया का कहना है कि इस मामले में सही तरह से सुनवाई नहीं हुई और वह इस फैसले के खिलाफ अपील पर विचार कर रही है. कंपनी ने कहा कि वह चाहती है कि मौजूदा जूरी को हटाकर नए सिरे से मुकदमा चलाया जाए.