पहले टेस्ट के दौरान जूतों की सिलाई और रेलवे स्टेशन पर पत्थरों से गेंदबाजी, बातचीत के दौरान भावुक हुए नेहरा
नेहरा ने अपने शुरूआती दिनों के संघर्ष को लेकर आकाश चोपड़ा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, कैसे वो हर एक पारी के बाद उस एक जोड़ी जूते में टांके लगवाकर सिलवाते थे और फिर उसे दोबारा इस्तेमाल करते थे. ऐसे में वो जूते पूरे टेस्ट मैच खत्म होने तक बड़ी मुश्किल से टिकते थे.
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर आशीष नेहरा और आकाश चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर एक दूसरे संग बात की. दोनों दिल्ली की तरफ से डोमेस्टिक क्रिकेट भी खेल चुके हैं. इस दौरान दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती है. आकाश चोपड़ा ने चैट के दौरान नेहरा से उन एक जोड़ी जूतों के बारे में पूछा जो नेहरा के पास हुआ करते थे और कैसे उस दौरान युवा क्रिकेटर्स बड़े ब्रैंड के जूतों के लिए संघर्ष करते थे.
नेहरा ने आकाश के साथ चैट के दौरान बताया कि, उनके पास एक ही जोड़ी जूता था जिसे उन्होंने रणजी ट्रॉफी मैचों में पहना और डेब्यू टेस्ट में भी. नेहरा ने 1999 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच खेला था. नेहरा ने कहा, 'मेरे पास एक जोड़ी जूते थे जो मैंने रणजी ट्रॉफी में पहने थे और उन्हें ही मैं 1999 में अपने पहले टेस्ट मैच के लिए ले गया था. मुझे याद है कि मैंने हर पारी के बाद जूतों को सिलवाया था.' ये दोनों खिलाड़ी दिल्ली के ही हैं और इस बातचीत के दौरान दोनों ने दिल्ली के रेस कोर्स ग्राउंड पर उनकी क्लब टीम के लिए खेले गए मैच को याद किया.
अपने गेंदबाजी एक्शन की प्रैक्टिस के बारे में बात करते हुए भी नेहरा ने कहा कि वो रेलवे स्टेशन पत्थर से वो गेंदबाजी एक्शन की प्रैक्टिस किया करते थे. दिल्ली केंट रेलवे स्टेशन के पास उनके क्लब गेंदबाजी कोच के साथ किया करते थे. वो ऐसा अपने ग्रुप के साथ करते थे और हवा में पत्थर फेंक एक दूसरे का गेंदबाजी एक्शन देखा करते थे.
बता दें कि आशीष नेहरा ने अपना आखिरी वनडे साल 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था. नेहरा ने 17 टेस्ट, 120 वनडे और 27 टी20 मैच खेले हैं. नेहरा ने इस दौरान वनडे में सबसे ज्यादा 157 विकेट लिए हैं.