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पापा को कमरे में बंद नहीं किया था, रेसलिंग एरिया में जाने से रोका: गीता फोगाट
![पापा को कमरे में बंद नहीं किया था, रेसलिंग एरिया में जाने से रोका: गीता फोगाट Gold Medalist Geeta Phogat Speaks On Coachs Controversy पापा को कमरे में बंद नहीं किया था, रेसलिंग एरिया में जाने से रोका: गीता फोगाट](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2016/12/29141426/Geeta-Phogat1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: फिल्म दंगल का 'म्हारी छोरी छोरो से कम है के' डायलॉग आजकल चर्चाओं में है. फिल्म हरियाणा की पहलवान गीता और बबीता फोगाट बहनों के जीवन पर आधारित है. फिल्म रिलीज के बाद विवाद भी शुरू हो गया है. विवाद की वजह वो सीन है जिसमे दिखाया गया है कि गीता के फाइनल मैच के दौरान पिता महावीर फोगाट को बंद कर दिया जाता है और ये काम उनके कोच के कहने पर किया गया. फिल्म के इसी सीन को देखकर गीता के उस मैच के कोच प्यारेलाल सोंधी ने केस की धमकी दी है.
इस वाक़ये की हकीकत जानने के लिए एबीपी न्यूज़ पहुंचा पहलवान गीता फोगाट के पास. जब हमने उनसे पूछा कि क्या मैच के दौरान उनके पिता को कमरे में बंद किया गया था तो इस बात से गीता ने इंकार किया. गीता का कहना है कि उन्हें कमरे में बंद नहीं किया गया फिल्म को रोमांचक बनाने के लिए वो दृश्य फिल्माए गए. लेकिन गीता ने बताया कि उनके पापा को रेसलिंग एरिया में जाने से रोका गया. रेसलिंग एरिया वो होता है जहाँ सभी पहलवान और कोच मौजूद रहते हैं. गीता ने बताया कि पापा हमारे साथ रहना चाहते थे लेकिन उन्हें एंट्री गेट पर ही रोके रखा. जब हमने पूछा कि क्या मैच के दौरान भी उन्हें रोके रखा गया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मैच से पहले भी और मैच के दौरान भी उन्हें रेसलिंग एरिया में एंट्री नहीं दी. पापा अगर पब्लिक में भी बैठते तो इतनी भीड़ होती है कि रिंग तक उनकी आवाज़ ही नहीं आती.
गीता कहती हैं जब पापा साथ होते हैं तो हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं. गीता से जब पूछा गया कि क्या उस वक्त इसका विरोध किया गया था तो गीता ने कहा कि उस वक्त ऐसा टाइम नहीं था क्योंकि हमारा सारा ध्यान मैच पर होता है. कोच की धमकी पर कहती हैं कि देखिये वो तो कोच साहब ही जाने कि वो ऐसा क्यों सोच रहे हैं कि उनका नाम है या कोच की भूमिका में है, ये तो कोच साहब ही बता सकते हैं. इसके बाद गीता ने कुछ और सवालो के जवाब भी दिए.
क्या फिल्म में तड़का लगाया गया?
गीता- मुझे नहीं लगता कि फिल्म में कहीं तड़का लगाया गया. जो कहानी है सच दिखाया गया है, 99% सच है. जो मेहनत दिखाई गयी हमारी वो फिल्म में आधा ही दिखाया गया होगा. बहुत ज़्यादा हमने मेहनत की है. पापा ने बहुत मेहनत की है.
फिल्म के बाद क्या बदलाव आया जीवन में?
गीता- अच्छा लग रहा है लेकिन मलाल भी है कि जो मेडल हमने 2010 में जीता था उसको 6 साल बाद फिल्म के माध्यम से लोग जान पा रहे हैं कि गीता और बबिता दो बहनें हैं उन्होंने देश के लिए मैडल जीता, उनके पिता ने कितना संघर्ष किया. लेकिन देर आए दुरुस्त आये इसकी वजह से लोगों ने हमे जाना तो सही.
फिल्म को कितने स्टार देंगी?
गीता- मेरी और मेरे परिवार की तरफ से जितने स्टार हैं वो देना चाहेंगे क्योंकि फिल्म है. सभी किरदार खूबसूरत तरीके से निभाए गए. आमिर के सिवा मेरे पापा का किरदार कोई और अच्छे से नहीं निभा सकता था. सभी ने अच्छा काम किया.
आगे क्या योजना?
गीता- रियो ओलम्पिक में निराशा हाथ लगी. मैं क्वालीफाई नहीं कर पाई. बबिता भी मेडल नहीं जीत पायी. लेकिन साक्षी मलिक ने मेडल जीता ये हमारे लिए गौरव की बात है.
गीता इस वक्त दिल्ली के बवाना में नांगल ठाकरान के राकेश पहलवान अखाड़े में प्रैक्टिस करती है. राकेश पहलवान के छोटे भाई पवन से इसी साल 20 नवंबर को गीता की शादी हुई है. गीता के पति पवन खुद भी पहलवान है.
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