नई दिल्ली: ऐसा नहीं है कि यह समय रोहित शर्मा के बारे में लिखने का नहीं है. क्योंकि इस क्रिकेटर को इसकी पहचान थोड़े समय बाद मिली. एक तरफ जहां पूरा देश ऋषि कपूर और इरफान के बारे में बात कर रहा है कि दोनों एक्टर्स इस दुनिया को कैसे इतनी जल्दी अलविदा कह सकते हैं. तो कई लोगों का ये भी मानना है कि ये साल हमारे लिए बेहद खराब है क्योंकि पूरी दुनिया एक जगह आकर रुक गई है.

भारतीय क्रिकेट भी पूरी दुनिया की तरह उस एक कमांड का इंतजार कर रही है जिसकी जानकारी सोशल मीडिया, व्हॉट्सएप और दूसरे प्लेटफॉर्म पर घूम रही है कि जल्द ही एक बार फिर कुछ समय बाद पूरी दुनिया अपने पुराने रंग में नजर आने लगेगी. एक तरफ जहां सभी डॉक्टर्स कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की वैक्सानी की खोज में हैं तो वहीं रोहित का करियर एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा है. मानें या न मानें लेकिन इस क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट के कई मिथकों को तोड़ा है.

एक ऐसा देश जहां दोनों गुणवत्ता और मात्रा है, टैलेंट जहां हर क्लब, जिला और राज्य से आता है. ऐसे में रोहित एक महान अपवाद हैं. भारतीय क्रिकेट को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि कैसे टैलेंटेड क्रिकेटर्स को कम मौके मिलते हैं क्योंकि देश में क्रिकेट प्रतियोगिता काफी ज्यादा है. लेकिन कोच, सेलेक्टर्स और कप्तान रोहित शर्मा के साथ धैर्य के साथ पेश आए. क्योंकि सभी को पता था कि इस क्रिकेटर में कुछ अलग बात है.

रोहित बार बार फेल हुए लेकिन रोहित ने उस मिथक को भी तोड़ा जहां ये कहा गया था कि भगवान के जरिए दिए गए टैलेंट से खेलना आसान होता है. जैसे सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन, युवराज और विराट कोहली.

एक मिथक ये भी है कि विकेट के बीच रन बनाने से पहले आपको कोन्स के बीच अपने आप को साबित करना पड़ता है. जी हां हम बात कर रहे हैं यो- यो टेस्ट की. टीम इंडिया में सेलेक्शन के लिए इस टेस्ट को पास करना बेहद जरूरी है. रोहित का स्कोर यो- यो टेस्ट में ठीक ही होता है लेकिन मैदान पर वो अक्सर टॉप करते हैं. वनडे में 3 दोहरे शतक इस बात का गवाह हैं कि सफेद गेंद क्रिकेट के बादशाह रोहित शर्मा ही हैं.

रोहित की तुलना युवराज या सहवाग के साथ नहीं की जा सकती. क्योंकि एक क्रिकेटर ने जहां टेस्ट और वनडे में धमाल मचाया. मिडल ऑर्डर को संभाला तो वहीं एक अपनी मेहनत से मिडल ऑर्डर से टॉप ऑर्डर का बल्लेबाज बन गया. दोनों की बल्लेबाजी को देख गेंदबाजों में खौफ था. लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि रोहित भी ठीक इसे रास्ते पर हैं.

हालांकि यहां तो ये भी कहा जा सकता है कि रोहित ठीक राहुल द्रविड़ के रास्ते पर चल पड़े हैं. द्रविड़ एक ऐसे खिलाड़ी थे जो अक्सर परछाई में रहते थे लेकिन जितनी इज्जत सचिन को मिली उतनी द्रविड़ को भी मिली. ऐसे में रोहित के साथ भी ठीक ऐसा ही हो रहा है क्योंकि जहां विराट का नाम आता है वहां रोहित का भी नाम आने लगा है. और ये सिर्फ उनकी बल्लेबाजी का ही कमाल है.

रोहित के पास भी कप्तानी का अनुभव है जहां वो विराट और धोनी के बीच में ठहरते हैं. हालांकि रोहित न तो धोनी की तरह उतने शांत हैं और न ही विराट की तरह इतने एग्रेसिव. लेकिन रोहित ने आईपीएल में अपने आप को इस टूर्नामेंट का सबसे बड़ा कप्तान साबित कर दिया है. हालांकि टीम इंडिया में विराट के बाद उन्हें इस मामले में अभी तक वो पहचान नहीं मिल पाई है. कारण है कप्तानी का अब तक मौका न मिलना. लेकिन यहां अंत में रोहित इस मिथक को भी तोड़ सकते हैं जब टीम के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज को कप्तानी करने का मौका मिलेगा.

दुनिया रोहित को उनके बेहतरीन शॉट्स के लिए हिटमैन के नाम से जानती है लेकिन इस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट में बड़े छक्कों के साथ कुछ प्रचलित धारणाएं भी बनाई हैं.