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नई दिल्ली: टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया को जिस मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ की तलाश थी, वो तलाश हार्दिर पांड्या के रूप में खत्म होती नज़र आ रही है. श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में धमाकेदार शतक लगाने के बाद हार्दिक पांड्या की हर जगह तारीफ होती नज़र आ रही है. लेकिन शुरूआती टेस्ट में इस दमदार तरीके से बल्लेबाज़ी करते हुए खुद को शांत रखने का श्रेय हार्दिक ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को दिया है.
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए टीम इंडिया के स्टार ऑल-राउंडर पांड्या ने कहा,'अपने क्रिकेटिंग करियर में पहली बार नाइंटीज़ में पहुंचने के बावजूद मैं बिल्कुल आसानी से बल्लेबाज़ी कर पा रहा था, मुझे याद नहीं लेकिन इससे पहले खेली गई शतकीय पारियों में या नाइंटीज़ में अकसर मैं दबाव में आ जाता था. अब जब मैं बल्लेबाज़ी करता हूं तो मैं एक अलग दुनिया में रहता हूं. मैं खुद के स्कोर या उपल्बधियों के बारे में नहीं सोचता.'
इसके बाद पांड्या ने धोनी को क्रेडिट देते हुए कहा, 'जो चीज़ मैंने माही भाई से सीखी है वो ये है कि हमेशा अपनी टीम को सबसे आगे रखो, स्कोरबोर्ड को देखर उसके हिसाब से खेलो. इस सोच ने मुझे दबाव और इन सब चीज़ों से बाहर निकलने में मदद की.'
फर्स्ट-क्लास में कुछ खास रिकॉर्ड्स नहीं होने के बावजूद भारतीय टेस्ट टीम में चुने गए हार्दिक पांड्या को लेकर पहले कुछ आलोचनाएं भी हुई थीं. लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनके अंदर भरोसा दिखाया और पांड्या ने उसे बिल्कुल सही भी साबित कर दिखाया है. खुद चीफ सलेक्टर एमएसके प्रसाद ने भी हार्दिक की शतकीय पारी के तारीफ करते हुए उन्हें भविष्य का कपिल देव बताया. जबकि खुद कप्तान विराट कोहली भी हार्दिक पांड्या की तुलना बेन स्टोक्स से कर चुके हैं.
अपने करियर के पहले 3 टेस्ट मुकाबलों में निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने एक शतक, एक अर्धशतक और एक ओवर में 26 रन बनाने का बड़ा कारनामा किया है. इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बहुमूल्य 5 विकेट भी चटकाए हैं.