पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने इस बात को खारिज कर दिया है कि पाकिस्तान और भारत अब वो क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं जो पहले खेला जाता था, लेकिन उम्मीद है कि दोनों टीमें जल्द ही मैदान पर अपनी प्रतिद्वंद्विता फिर से करने में सक्षम होंगी. भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा एक जंग की तरह रही है लेकिन अब ये सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट्स तक सीमित रह गया है. दोनों देशों के बीच राजनीतिक टेंशन और बॉर्डर पर विवाद के कारण दोनों देश पहले की तरह क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं.
हालांकि, जैसा कि सरफराज बताते हैं, दोनों टीमों के बीच चीजें कभी भी इस तरह की नहीं थीं. अगर हम 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल को याद करें तो दोनों टीमों के खिलाड़ियों को एक दूसरे के साथ बात, चुटकुले शेयर और एक साथ खाते देखा गया था. लेकिन अब वैसा नहीं है और इसका ताजा उदाहरण शाहिद अफरीदी का पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान है जिसके बाद गंभीर, हरभजन और युवराज ने अपने रिश्तों को अफरीदी के साथ काफी सीमित कर दिया है.
चीजें इस समय बहुत अधिक आशाजनक नहीं लग सकती हैं, लेकिन एक समय था जब सरफराज ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों को केवल सौहार्दपूर्ण शब्दों से अधिक याद किया था, और इसके लिए हमें ज्यादा दूर तक नहीं देखना होगा. विकेटकीपर बल्लेबाज दोनों देशों के बीच क्रिकेट की कमी को दुर्भाग्यपूर्ण कहते हैं, लेकिन भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता को लाइन में कहीं और देखने की उम्मीद है.
“जब मैं 2007 में भारत गया था. इसके अलावा, 2008 में जब भारत पाकिस्तान आया था, तब भी मैंने ऐसे दृश्य देखे हैं जब मैंने दोनों देशों के खिलाड़ियों को एक साथ बैठकर भोजन करते हुए भी देखा है. लेकिन अब, दुर्भाग्य से, यह एक ऐसा परिदृश्य है जहां हम मैच नहीं खेल पा रहे हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा और भारत और पाकिस्तान क्रिकेट को उस तरह से खेलने में सक्षम हैं जिस तरह से वो पहले खेलते थे. ”