भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू किया था. पठान ने यहां अपने डेब्यू के दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे सौरभ गांगुली ने उनका सपोर्ट किया था. पठान ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के दौरान 19 साल के थे. उस दौरान वो टेस्ट और वनडे में दोनों में बेस्ट थे. इरफान ने बताया ऑस्ट्रेलियाई सीरीज खत्म होने वाली थी और दादा अभी भी मेरे दौरे को लेकर चिंता में थे कि वो मुझे ऑस्ट्रेलिया क्यों लेकर आए.
पठान ने बताया कि, जब एक 19 साल का लड़का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाता है तो उसे काफी मार पड़ती है. मुझे याद है कि दादा ने मुझसे कहा था कि, इरफान तुम्हें पता नहीं होगा लेकिन मैं तुम्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लेकर नहीं आना चाहता था. मैंने तुम्हें सेलेक्शन मीटिंग के दौरान रिजेक्ट किया. ऐसा नहीं कि मैंने तुम्हारी गेंदबाजी देखी नहीं थी लेकिन मैं 19 साल के एक लड़के को इतने मुश्किल दौरे पर लेकर नहीं जाना चाहता था. लेकिन मैंने तुम्हें देखा मुझे भरोसा हो गया कि तुम यहां अच्छा करोगे.
इरफान ने आगे कहा कि मेरे पूरे करियर में दादा ने मेरा समर्थन किया. एक खास बात दादा की ये थी कि वो जिस भी खिलाड़ी को पसंद करते थे वो उसका पूरी तरह सपोर्ट करते थे. अगर उन्हें लगता था कि एक खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है तो वो उसे जरूर बैक अप करते थे.
जब कप्तान आपके पास आकर ऐसा कहता है तो आप ढेर सारा आत्मविश्वास मिलता है. इस तरह आपकी नजरों में अपने कप्तान के लिए भी इज्ज बढ़ जाती है. बता दें कि साल 2003 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के समय इरफान पठान का पहला टेस्ट विकेट मैथ्यू हेडन थे. पठान ने स्विंग गेंदबाजी देख सभी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी दंग रह गए थे.