छोटी सी मदद भी एक मदद होती है, लोगों को कोरोना राहत कोष को लेकर सवाल नहीं उठाना चाहिए: प्रज्ञान ओझा
प्रज्ञान ओझा ने कोरोना मदद के लिए आगे आए लोगों का बचाव करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसे हैं जो इनपर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में मेरा सिर्फ इतना कहना है कि एक छोटी सी मदद भी बहुत बड़ी होती है. ऐसे में जो लोग आगे आ रहे हैं हमें उन सबका शुक्रगुजार होना चाहिए.
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने सोमवार को कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए किसी की भी मदद को आंकड़ों में नहीं गिना जाना चाहिए. ऐसे में लोगों को बल्कि धन्यवाद करना चाहिए कि जिससे जितना हो पाया उसने उतना योगदान दिया. कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में दुनिया के सभी खिलाड़ी आगे आकर लोगों की मदद कर रहे हैं.
ओझा ने कहा कि, यहां सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ऐसे भी हैं जो लोगों की मदद पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में ये मुझे हैरान करने वाली बात लगी.
ओझा ने कहा, ये काफी अजीब है कि एक तो लोग मदद के लिए आगे भी आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इनपर सवाल भी उठा रहे हैं. एक मदद तो आखिरकार मदद ही होती है जिसकी आप तुलना नहीं कर सकते. बल्कि हमें तो ऐसे लोगों का शुक्रियाअदा करना चाहिए.
बता दें कि टीम इंडिया की तरफ से अब तक विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा लोगों की मदद के लिए आगे आ चुके हैं तो वहीं सुरेश रैना, सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर जैसे नामी चेहरे भी अपना जरूरी योगदान दे चुके हैं.
बता दें कि कोरोना के चलते अकेले भारत में जहां 1300 से ज्यादा मामले आ चुके हैं तो वहीं इससे मरने वालों की संख्या 30 के पार पहुंच चुकी है. हालांकि यहां राहत की खबर ये है कि तकरीबन 100 से ज्यादा लोग भारत में इस वायरस की चपेट से बाहर भी आ चुके हैं.